गर्मियों में अंडे जल्दी जल्दी खराब हो जाते हैं. हालांकि पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अगर पोल्ट्री फार्म में ही रखरखाव अच्छे से किया जाए तो अंडे जल्दी खराब नहीं होते हैं. फिर भी गर्मी आते ही लोगों में डर बना रहता है कि गर्मी में अंडे खाए तो नुकसान हो सकता है. लेकिन कुछ ऐहतियात बरती जाए पूरी गर्मी में अंडा खाया जा सकता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट और मुर्गियों के डॉक्टर एनके महाजन का कहना है कि बाजार से खरीदकर लाए गए अंडों को बनाने से पहले उसकी जांच कर लें. अंडे को किसी पानी भरे बर्तन में डाल दें.
अगर अंडा पानी पर तैरने लगता है तो समझ जाएं कि अंडा खराब हो चुका है या खराब होना शुरू हो गया है. इसी तरह अंडे को बनाने से पहले जब तोड़ा जाता है तो उस वक्त भी चेक किया जा सकता है. जैसे अंडा तोड़ते ही उसमे से बदबू आए तो समक्ष जाएं कि वो खराब हो चुका है. दूसरा ये कि अगर अंडे की जर्दी टूटी हो और सफेद वाले लिक्वि ड में घुल रही हो तो इसका मतलब अंडा खराब हो चुका है.
डॉ. एके महाजन ने किसान तक को बताया कि अप्रैल, मई और जून में भी अंडे खूब खाए जा सकते हैं. बाजार से खरीदकर घर लाए गए अंडे एक महीने तक फ्रिज में रखकर खा सकते हैं. बस करना ये है कि जब बाजार से अंडे लाएं तो उन्हें अच्छी तरह से धो लें. अंडों को धोने के बाद ही फ्रिज में रखें. अगर अंडों को अच्छी तरह से नहीं धोया तो फ्रिज में रखा दूसरा सामान दूषित हो सकता है.
अंडों को कोल्डा स्टोरेज में रखने के लिए सरकार की ओर से एक गाइड लाइन जारी की हुई है. गाइड लाइन के मुताबिक अंडों को कोल्ड स्टोरेज में सब्जी और फलों के साथ नहीं रखा जा सकता है. कोल्ड में अंडे रखने के लिए अलग चैम्बर बनाने होंगे. अंडों को कोल्ड में रखते वक्त अंडों पर किसी मिनरल आयल या प्राथमिकता के आधार पर लिक्विड पैराफीन का स्प्रे करना होगा. अंडों को ज्यादा से ज्यादा तीन महीने ही कोल्ड में रखा जाएगा. एक बार कोल्ड से निकले अंडे दोबारा कोल्ड में नहीं रखे जाएंगे. जिस चैम्बर में अंडे रखे जाएंगे उसका तापमान चार से सात डिग्री होना चाहिए. वहीं आर्दता 75 से 80 होगी.
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