scorecardresearch
Animal Care: डेयरी फार्म में ऐसे रोकी जा सकती हैं आग लगने की घटनाएं, पढ़ें डिटेल 

Animal Care: डेयरी फार्म में ऐसे रोकी जा सकती हैं आग लगने की घटनाएं, पढ़ें डिटेल 

अगर 10-10 गाय-भैंस वाला डेयरी फार्म भी है तो उसकी जमीन की कीमत को अलग कर दें तो 25-30 लाख रुपये से लागत कम नहीं होगी. लेकिन आग लगने की एक जरा सी घटना पूरे डेयरी फार्म को बर्बाद कर देती है. इसलिए जरूरी है कि फार्म में बिजली से जुड़ी चीजों की सर्विस जरूर करवाते रहें.  

advertisement
पशुओं के लिए सही चारा अत्‍यन्‍त आवश्‍यक है पशुओं के लिए सही चारा अत्‍यन्‍त आवश्‍यक है

कई बार देखने में आता है कि डेयरी फार्म में अक्सर आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं. और खास बात ये है कि एक बार डेयरी फार्म में लगी आग मुश्किंल से ही काबू में आती है. सब कुछ जलकर खाक हो जाता है. यहां तक की डेयरी फार्म में बंधी गाय-भैंस भी आग की चपेट में आकर मर जाती हैं. 30 से 35 हजार रुपये वाली गाय और 80 हजार रुपये से शुरु होने वाली कीमत की भैंस के नुकसान से डेयरी फार्म संचालक की तो मानों कमर ही टूट जाती है. दोबारा से वैसा ही डेयरी फार्म खड़ा करने में महीनों नहीं सालों लग जाते हैं. 

डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो डेयरी फार्म में चारों तरह ऐसी चीजें होती हैं जो आग जल्दी पकड़ लेती हैं. खासतौर से गर्मी के मौसम में. लेकिन, अगर डेयरी फार्म से जुड़ी छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखा जाए तो ऐसी बड़ी घटनाओं को रोका जा सकता है. आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए कोई बहुत बड़े इंतजाम करने की जरूरत नहीं है. जरूरत है तो बस अलर्ट रहने की और छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की. 

ये भी पढ़ें: Dairy Milk: डेयरी बाजार में बड़ी हलचल मचा सकता है दूध पाउडर, किसान-कंपनी सभी हैं परेशान

डेयरी फार्म में आग रोकने के लिए करें ये उपाय 

डेयरी फार्म के पास आग बुझाने के लिए पानी, बालू मिट्टी और कंबल या मोटा कपड़ा रखें. 

डेयरी फार्म में अगर बिजली कनेक्शन है तो तारों की वायरिंग की समय-समय पर जांच और मरम्मत कराते रहें. 

फार्म में वायरिंग के खुले तार और टूटा पाइप न हो. खुले तार और टूटे पाइप से करंट और आग लगने का खतरा बना रहता है. 

डेयरी फार्म फूस से बनाया है तो जहां फूस का इस्तेमाल किया हो वहां मिट्टी का लेप कर देना चाहिए, जिससे आग नहीं लगेगी. 

आग लगने पर आस-पड़ोस के लोगों के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करना चाहिए.

आग बुझाने के लिए फौरन ही फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन को सूचना दी जानी चाहिए. 

डेयरी फार्म और उसके आसपास के इलाके में फायर ब्रिगेड का नंबर लिखा जाना चाहिए.  

अगर आग लगने पर पशु झुलस या जल जाता है तो फौरन उसके पूरे शरीर पर ठंढ़ा पानी डालना चाहिए. 

जलने के बाद पशु के जले भाग पर अरंडी के तेल का लेप लगाना चाहिए.

पशु के जलने पर फौरन ही स्थानीय पशु चिकित्सालय से संपर्क करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: डेटा बोलता है: बढ़ते दूध उत्पादन से खुला नौकरियों का पिटारा, जानें कैसे 

पशुपालक डेयरी फार्म में भूलकर भी न करें ये काम 

डेयरी फार्म के पास दीपक, लालटेन, मोमबत्ती और आग पकड़ने वाला सामान नहीं रखना चाहिए.

फसल के कट जाने के बाद फसल अवशेषों को खेतों में नहीं जलाया जाना चाहिए.

जलती हुई माचिस की तीली, बीड़ी-सिगरेट और अगरबत्ती आदि को नहीं फेंकना चाहिए.

ठंढ़ से बचाव के लिए पशुओं को सिंथेटीक सामग्रियों से बने कपड़ों से नहीं ढ़कना चाहिए.

ठंड में अलाव जलाने पर अलाव को अच्छी तरह बुझाकर ही सोएं.

डेयरी फार्म संकरे और बंद जगह पर नहीं बनाने चाहिए. 

बंद डेयरी फार्म में कभी भी आग-धुंआ न करें. इससे पशुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है.