Poultry Feed: पोल्ट्री फीड घर पर बनाना चाहते हैं तो जान लें एक्सपर्ट के ये जरूरी टिप्स
पोल्ट्री फीड तैयार करने में दवाई और पोल्ट्री सप्लीपमेंट का इस्तेमाल किया जाता है. हर निर्माता के अपने उत्पाद की अलग-अलग डोज होती है. उनके द्वारा बतायी गयी डोज को सही प्रकार से मानना चाहिये. कुछ एंटी बायोटिक अन्य एंटी कोक्सीडियल से मिलकर रिएक्शन करते है. इसलिए घर पर पोल्ट्री फीड तैयार करते वक्त सावधानी जरूर बरतें.
पोल्ट्री सेक्टर एक ऐसा कारोबार है जहां करीब 70 फीसद लागत सिर्फ फीड यानि दाने पर आती है. अंडे-चिकन के रेट से लेकर पोल्ट्री फार्मर का मुनाफा क्या होगा ये भी फीड ही तय करता है. अंडा देने वाली मुर्गी हो या चिकन के लिए पाला गया मुर्गा, सभी को दिनभर में दो से तीन बार फीड चाहिए ही होता है, फिर चाहें अंडा-चिकन बिके या ना बिके. फीड को लेकर पोल्ट्री फार्मर के सामने परेशानी तब आती है जब फीड के रेट में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव आता है. हालात ये हो जाते हैं कि चार-पांच हजार मुर्गे-मुर्गी वाले पोल्ट्री फार्मर को तो अपना फार्म बंद करना पड़ता है.
और ये सब होता है फीड में बड़ी मात्रा में शामिल होने वाली मक्का के चलते. इथेनॉल उत्पादन में मक्का की बढ़ती खपत पोल्ट्री सेक्टर में चिंता बढ़ा रही है. मक्का बाजार का हाल ये है कि भारत का 3.5 करोड़ टन सालाना मक्का उत्पादन पोल्ट्री समेत देश की खाद्य सुरक्षा की जरूरत को पूरा करने में नाकाफी साबित हो रहा है. वहीं पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो फीड की इस परेशानी से घर पर फीड बनाकर बचा जा सकता है.
पोल्ट्री फीड तैयार करते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
प्री स्टार्टर फीड 400 ग्राम, स्टार्टर पोल्ट्री फीड 1200 ग्राम वजन का होने तक और फिनिशर फीड पोल्ट्री ब्रॉयलर बर्ड के बिक जाने तक देना चाहिए.
पोल्ट्री फार्म पर हर प्रकार का स्टॉक एडवांस में होना बहुत जरूरी है.
पोल्ट्री फीड और फीड में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद सूखी जगह और धूप से दूर रखने चाहिये.
पोल्ट्री फीड को मिलाने के लिये अच्छे मिक्सर की मदद लेनी चाहिये.
पोल्ट्री फीड की पिसाई अच्छे से होनी चाहिये, क्योंकि फीड के मोटे दाने पचने में परेशान करते हैं.
पोल्ट्री फीड सही से मिलाना चाहिये. पोल्ट्री फीड में सभी उत्पाद और तेल पहले अलग से कुछ फीड में मिला लेने चाहियें, फिर उसे सारे फीड में मिलाना चाहिये.
पोल्ट्री फीड बनाते वक्त ये ध्यान रखें कि कोई भी सामान छूट ना जाये.
पोल्ट्री फीड में डाले जाने वाले प्रत्येक उत्पाद की एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें.
प्रत्येक उत्पाद प्रतिष्ठित कंपनी का ही होना चाहिये.
सोयाबीन की खली, मक्का और तेल खरीदने से पहले गुणवत्ता की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिये. सोयाबीन की खली और मक्का हर तरह के फंगस से मुक्त और सूखा होना चाहिये.
मक्का में नमी 14 फीसद से कम और सोयाबीन की खली में लगभग 11 फीसद तक ही हो है.
पोल्ट्री फार्म पर फीड इकट्ठा करने के दौरान ऐसी बोरियां इस्तेमाल न करें जो पहले दूसरे फार्म पर इस्तेमाल हो चुकी हों.
फार्म पर फीड के लिए हमेशा नई बोरियां ही इस्तेमाल करें.