कुछ वक्त पहले तक बकरी पालन सिर्फ गरीबों का माना जाता था. यहां तक की बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता था. बहुत सारे लोग सिर्फ इसलिए बकरी पालन नहीं करते थे कि कहीं बकरी पालन करने पर समाज में उनकी इज्जत कम न हो जाए. लेकिन आज बकरी पालन की तस्वीर एकदम उलट है. आज देश का कोई ऐसा राज्य नहीं है जहां 200 बकरे-बकरियों से लेकर पांच हजार तक बकरे-बकरी वाले गोट फार्म न हों. नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत लोन पाने वालों में भी अब बकरी पालन के लिए लोन मांगने वालों के ही आवेदन ज्यादा आ रहे हैं.
एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो दूसरे पशुपालन के मुकाबले बकरी पालन करना आसान और ज्यादा सुविधाजनक होता है. क्योंकि गाय-भैंस के मुकाबले बकरे-बकरी सस्ते आते हैं. किसी भी कारण से मौत होने पर बकरी से नुकसान कम और गाय-भैंस से ज्यादा होता है. दूसरा ये कि बकरे-बकरी एटीएम होते हैं. कम वक्त में आसानी से बिक जाते हैं. इसलिए एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि अगर आप सिर्फ बकरों के लिए बकरी पालन कर रहे हैं तो खासतौर पर तीन तरह से बकरों का कारोबार कर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है.
रोजाना के बाजार में जहां बकरे वजन के हिसाब से बिकते हैं, वहीं बकरीद के दौरान बकरों की खूबसूरती, ऊंचाई और लम्बाई के हिसाब से तय होते हैं. आम दिनों में रोजाना के बाजार से जहां घरेलू डिमांड को पूरा किया जाता है तो एक्सपोर्ट के लिए भी अच्छे बकरे खूब बिकते हैं. रोजाना के बाजार में बकरों के दाम बहुत ज्यादा नहीं मिलते हैं. लेकिन बकरीद के मौके पर आपके पास अच्छा बकरा है तो रोजाना के मुकाबले तीन-चार हजार रुपये ज्यादा ही मिल जाएंगे.
गोटर फार्मर हाजी इकबाल ने बताया कि अगर ब्रीडिंग सेंटर चलाकर बकरा पालन किया जाए तो ज्यादा मुनाफा होता है. इसका तरीका ये है कि आप जगह और अपनी सुविधा अनुसार बकरियां और ब्रीडर बकरा रखकर उनसे बच्चे ले सकते हैं. जैसे अगर 100 बकरी हैं तो मानकर चलें कि आपको 150 बच्चे मिलेंगे. उसमे से भी कुछ बकरियां होंगी. ऐसा करने से आपको अच्छी नस्ल के बच्चे तैयार करने के लिए मिल जाएंगे. ऐसा करके आपको 150 में से 90 या 100 बकरे मिलेंगे. इन्हें आप पूरे एक साल या डेढ़ साल तक, जब भी बकरीद हो उन्हें खिला-पिलाकर तैयार कर सकते हैं. बकरीद के दौरान वजन से ज्यादा खूबसूरती के दाम मिलते हैं. वजन की बात करें तो 25 से 50 किलो वजन का बकरा खूब बिकता है.
हाजी इकबाल का कहना है कि बकरीद के बाजार में बेचने के लिए हम दो और तरीके से बकरे तैयार कर सकते हैं. एक तो ये कि हमे पता हो कि बकरीद आने में अभी आठ-दस महीने हैं. तो ऐसे में हम गांव-देहात से पांच-छह महीने के बच्चे लाकर उन्हें पाल सकते हैं. उन्हें अच्छी खुराक देंगे तो वो ज्यादा हेल्दी होंगे.
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