AI: ज्यादा दूध-जल्दी बच्चा! पशुपालकों के लिए गेम-चेंजर एआई तकनीक, इन बातों का रखें खयाल

AI: ज्यादा दूध-जल्दी बच्चा! पशुपालकों के लिए गेम-चेंजर एआई तकनीक, इन बातों का रखें खयाल

पशु गाय-भैंस हो भेड़-बकरी, सभी से अच्छा उत्पादन लेना अब कोई मुश्कि‍ल काम नहीं रह गया है. कृत्रिम गर्भाधान (एआई) ने इसे बहुत ही आसान बना दिया है. बस जरूरत इस बात की है कि एआई कराते वक्त पशुपालक जागरुक रहे. इसके बाद अब पशु से ज्यादा दूध उत्पादन और लगातार बच्चा ले सकते हैं. 

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AI: ज्यादा दूध-जल्दी बच्चा! पशुपालकों के लिए गेम-चेंजर एआई तकनीक, इन बातों का रखें खयालसेक्स सॉर्टेड सीमेन

डेयरी हो या पशुपालन सभी का अर्थशास्त्र पशु उत्पादन पर टिका होता है. गाय-भैंस ज्यादा दूध दे रही है, हर लगातार वक्त से बच्चा दे रही है तो उसे सबसे अच्छा पशु माना जाता है. हर पशुपालक की ये चाहत होती है कि उसका पशु दोनों ही मामलों में सर्वोत्तम हो. हालांकि ये कोई नामुमकिन काम नहीं है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशु से ज्यादा दूध और लगातार बच्चा लेने के लिए बस जरा सा अलर्ट होने की जरूरत है. आज कल पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान (एआई) कराया जाता है. 

एआई से बहुत चांस हैं कि आपका पशु ज्यादा उत्पादन देने वाला बन जाए. बस जरूरी ये है कि गाय-भैंस को जिस सीमन (वीर्य) से एआई करा रहे हैं वो उच्च क्वालिटी का हो. पूरी जांच-पड़ताल के बाद भरोसे के सीमन सेंटर से खरीदा गया हो. और एआई कराते वक्त नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया हो. 

एआई कराते वक्त इन बातों का रखें ख्याल  

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशु की उत्पादन क्षमता पर बहुत कुछ असर उसके मां-बाप का भी पड़ता है. मतलब उसकी मां कितना दूध देती थी. बच्चा देने के मामले में उसकी मां का प्रदर्शन कैसा था. उसका पिता किस कैटेगिरी का बुल था. उसके पिता से पैदा होने वाली भैंस कितना दूध देती थीं. यही वजह है कि जब भैंस को एआई कराएं तो उससे पहले वीर्य की अच्छी तरह से जांच कर लें. सबसे पहले तो ये कि वीर्य स्ट्रॉ जिस सीमन सेंटर से खरीदें वो 'ए' या 'बी' कैटेगिरी का हो.

इतना ही नहीं जिस बुल यानि सांड का वीर्य ले रहे हैं उसके फैमिली ट्री को जरूर पढ़ लें. तीसरी सबसे खास बात ये कि सीमन कितना भी अच्छा हो या बुल का रिकॉर्ड कितना भी शानदार हो, लेकिन अगर एआई कराने वाला टेक्निमशि‍यन पूरी तरह से एक्सपर्ट नहीं है या फिर वो एआई के सभी नियमों का पालन नहीं करता है तो फिर ऐसे में एआई के कामयाब होने की उम्मीद कम रह जाती है. 

झूठी हैं एआई के बारे में ये तीन अफवाहें 

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि एआई के बारे में कई तरह की अफवाहें फैलाई जाती हैं. एआई के बारे में कहा जाता है कि जिस गाय-भैंस को एआई कराया जाता है तो उससे पैदा होने वाले ज्यादातर बछड़े नर होते हैं. बच्चे कमजोर पैदा होते हैं और एआई कराने से दूध उत्पादन में कमी आ जाती है. हालांकि ये सभी बातें झूठ हैं. एआई कराने पर इसमें से कुछ भी नहीं होता है. एआई का पैदा होने वाले बछड़े पर कोई गलत असर नहीं पड़ता है. 

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