Goat Farming: ब्रीडर बकरे में हैं ये 10 खूबियां, तो साल में दो बार हेल्दी बच्चे देगी बकरी 

Goat Farming: ब्रीडर बकरे में हैं ये 10 खूबियां, तो साल में दो बार हेल्दी बच्चे देगी बकरी 

बकरी को गाभि‍न कराने से पहले ये बहुत जरूरी है कि ब्रीडर बकरे के फैमिली ट्री को जान लेने के साथ ही उस फैमिली की क्वालिटी के बारे में पता कर लिया जाए. जैसे ब्रीडर बकरे की मां और उसके पिता के बारे में मालूम होना बहुत जरूरी है. 

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Goat Farming: ब्रीडर बकरे में हैं ये 10 खूबियां, तो साल में दो बार हेल्दी बच्चे देगी बकरी बरबरी नस्ल की बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तक

पशुपालक से लेकर साइंटिस्ट और पशु चिकित्सकों तक की यही कोशि‍श होती है कि पशु वक्त से हेल्दी बच्चा देता रहे. यही वजह है कि भेड़-बकरी पालन हो या गाय-भैंस, दोनों में ही रीप्रोडक्शन का बहुत महत्व है. इसे देखते हुए ही एनिमल एक्सपर्ट हर तरह से पशु का खास ख्याल रखने की सलाह देते हैं. इसके तहत सिर्फ मादा पशु ही नहीं ब्रीडर का भी खास तरह से ख्याल रखा जाता है. ब्रीडर जितना अच्छा होगा बच्चा उतना ही हेल्दी मिलेगा. ये बात बकरी पालन पर भी लागू होती है. बकरी को गाभि‍न कराने के दौरान कई अहम बातों का पता होना बहुत जरूरी है. अगर इन बातों का ख्याल रखा तो बकरी का होने वाला बच्चा हेल्दी होगा और बीमारियों से लड़ने की उसकी क्षमता भी बढ़ेगी. 

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट के मुताबिक अब यह कोई जरूरी नहीं है कि बकरी को गर्भवती कराने के लिए बकरे से उसे गाभि‍न कराया जाए. आर्टिफिशल इंसेमीनेशन तकनीक से भी बकरी गर्भवती हो सकती है. इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी मदद से आप अपनी पसंद और जरूरत के हिसाब से भी बच्चा पैदा करवा सकते हैं. लेकिन जरूरी ये है कि उस ब्रीडर बकरे के बारे में पूरी जानकारी कर ली जाए जिसका सीमन (वीर्य) एआई में इस्तेमाल किया जा रहा है. 

ऐसे पहचानें ब्रीडर बकरे की नस्ल 

गोट साइंटिस्ट का कहना है कि ब्रीडर बकरा आपके अपने गोट फार्म हाउस का हो या किसी और का, लेकिन इस बात की जानकारी कर लेना बहुत जरूरी है कि ब्रीडर उस प्योर नस्ल का है या नहीं जिस नस्ल की बकरी है. वहीं इस बात की जांच भी कर लें कि ब्रीड के मुताबिक ब्रीडर बकरे में उसकी नस्ल के सारे गुण हैं कि नहीं. जैसे उसका रंग, उसकी हाइट, उसका वजन, उसके कान और शरीर की बनावट. ब्रीडर फुर्तीला है या नहीं. उसकी उम्र एक-डेढ़ साल है तो उसका वजन उम्र के मुताबिक 35 से 40 किलो हो. साथ ही क्रॉस कराने के दौरान इस बात का भी खास ख्याल रखें कि ब्रीडर बकरे में और गाभिन होने वाली बकरी में किसी भी तरह का ब्लड रिलेशन न हो. वर्ना इससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.   

ब्रीडर बकरे के मां-बाप के बारे में जानें ये दो बातें  

साइंटिस्ट बताते हैं कि ब्रीडर बकरे की फैमिली क्वालिटी से मतलब यह है कि जो ब्रीडर की मां है वो दूध कितना देती थी. उस बकरी से एक बार में कितने बच्चे होते थे. इतना ही नहीं जब ब्रीडर पैदा हुआ था तो उस वक्त कितने बच्चे दिए थे. ब्रीडर के पिता की हाइट कितनी थी. पिता की ग्रोथ रेट कैसी थी. ब्रीडर के दूसरे भाई-बहन कैसे हैं. 

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