पशुपालन का सबसे महत्वपूर्ण भाग पशुओं का आहार है. किसी भी पशु से अधिक से अधिक दूध या उत्पादन लेने के लिए संतुलित आहार का बहुत महत्व है. व्यावसायिक पशुपालन में पशु की खरीद, उनके आवास, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन आदि की व्यवस्था पर खर्च होता है. इस खर्च का एक बड़ा भाग यानी लगभग 70 प्रतिशत, केवल पशु के भोजन पर ही खर्च हो जाता है. इसलिए इसे कम करते हुए पशुओं को सही आहार देना बहुत जरूरी है.
किसान अपने पशुओं को अपने पारंपरिक चारा जो उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी मिलता आया है, और स्थानीय क्षेत्र में उपलब्ध एक या दो खाद्य पदार्थ जैसे चोकर, खली, चोकर, अनाज आदि और मौसम के अनुसार हरा चारा और फसल अवशेष जैसे भूसा देते आ रहे हैं. लेकिन पशुओं से अधिक दूध और अन्य पशु उत्पाद पाने के लिए उन्हें सही आहार देना बहुत जरूरी है.
ऐसे में पशुपालक अपने पशुओं को एनएससी हाइब्रिड चारा ज्वार (हाइब्रिड चारा ज्वार), किस्म- सीएसएच 24 एमएफ दे सकते हैं. पशुपालक इसे आसानी से घर बैठे भी ऑर्डर कर सकते हैं. आपको बता दें यह 5 किलो के पैकेट में बाजार में उपलब्ध है और इसकी कीमत 335 रुपये है. अगर आप भी इसे खरीदना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर इसे घर बैठे ऑर्डर कर सकते हैं. इतना ही नहीं, अगर आप 24 फरवरी तक यह चारा ऑर्डर करते हैं, तो आपको इसके साथ एक फ्री गार्डन सेफ्टी किट भी मिलेगी. लेकिन याद रखें, यह ऑफर सीमित समय के लिए ही है.
पशुओं को दिए जाने वाले चारे और आहार की मात्रा अधिकांशतः उनकी जरूरत से कम या अधिक होती है और उनके आहार में प्रोटीन, ऊर्जा या खनिजों का असंतुलन होता है. बहुत कम किसान अपने पशुओं को हर दिन खनिज मिश्रण और नमक खिलाते हैं और जो खिलाते हैं, वे केवल 25 से 50 ग्राम देते हैं. असंतुलित आहार के कारण पशु कम दूध देता है, उत्पादन लागत अधिक होती है और पशु का स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है. इसलिए किसानों को डेयरी पशुओं के संतुलित आहार पर ध्यान देना बहुत जरूरी है.
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संतुलित आहार का मतलब वह आहार है जो किसी भी पशु की 24 घंटे के लिए निर्धारित पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करती है. संतुलित आहार पशुपालन का मुख्य आधार है. पशुओं के जीवित रहने, शारीरिक वृद्धि, उत्पादन और प्रजनन के लिए संतुलित आहार की जरूरत होती है. इसलिए पशुओं के आहार की उचित तरीके से व्यवस्था करनी चाहिए ताकि पशु के शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व उचित मात्रा में मिल सकें. साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आहार संतुलित हो और आसानी से पचने वाला हो. पशुओं के लिए आहार तैयार करते समय पशुओं के शरीर का वजन, उत्पादकता, काम, शारीरिक वृद्धि और गर्भावस्था आदि को ध्यान में रखना चाहिए.
दुधारू पशुओं की उत्पादन क्षमता का पूरा आर्थिक लाभ पाने के लिए उन्हें उचित मात्रा में संतुलित पौष्टिक आहार देना जरूरी है. गाय का औसत वजन लगभग 350 किलोग्राम से 450 किलोग्राम और भैंस का औसत वजन लगभग 500 किलोग्राम होता है. गाय के दूध में 3.75-5.0 प्रतिशत वसा और भैंस के दूध में 6-7 प्रतिशत वसा होती है. दुधारू पशुओं का कुल आहार उनकी दैनिक शारीरिक जरूरतों की पूर्ति, गर्भकाल, दूध उत्पादन, वसा प्रतिशत के आधार पर दिया जाता है.
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