दूसरे सेक्टर के मुकाबले पशुपालन ज्यादा जोखिम वाला सेक्टर है. कोई भी खतरनाक बीमारी कब आ जाए और कब पशुओं के लिए जानलेवा हो जाए कोई पता नहीं चलता है. पशुपालन के इसी जोखिम को कम करने के लिए केन्द्र सरकार लगातार कई तरह की योजनाएं लागू करती रहती है. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने पशुपालकों को जोखिम से बचाने के लिए बीमा योजना शुरू की है. इस योजना के लागू होने से पशुपालकों को पशुओं की मौत के बाद कम से कम नुकसान उठाना पड़ेगा.
राजस्थान सरकार ने अपने 100 दिन पूरे होने पर जानकारी देते हुए बताया है कि वो पशुपालकों के दुधारू पशुओं का बीमा कराएगी. किसी भी बीमारी और प्राकृतिक आपदा के चलते पशु की मौत होने पर पशुपालकों को उस पशु का पूरा मुआवजा मिलेगा. इतना ही नहीं बीमा कराने के लिए पशुपालकों को प्रीमियम की रकम भी जमा नहीं करनी होगी.
100 दिन के काम गिनाते हुए राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग का कहना है कि राज्य में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत कर दी है. सरकार 400 करोड़ रुपये से 21 लाख दुधारू पशुओं का बीमा कराएंगी. इसके लिए किसानों को प्रीमियम के तौर पर एक रुपया भी देने की जरूरत नहीं होगी. बीमा का फायदा लेने के लिए पशुपालकों को आवेदन करना होगा. क्योंकि अक्सर ये देखा गया है कि किसी प्राकृतिक आपदा या अचानक किसी बीमारी के फैलने से पशुओं की अकाल मौत हो जाती है और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति चरमरा जाती है. उन्हें बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने और उन्हें ताकत देने के लिए सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है.
पशुपालक विभाग का कहना है कि इस योजना के तहत एक साल में 400 करोड़ रुपये खर्च कर 21 लाख दुधारू पशुओं का फ्री कराया जाएगा. यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जिनका पहले से कोई बीमा न हुआ हो. यह बीमा एक साल के लिए किया जाएगा. इस योजना के तहत गाय, भैस, भेड़, बकरी और ऊंट सहित 21 लाख पशुओं का फ्री बीमा कराने के लिए पशुपालकों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा.
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