Shrimp Export: अमेरिकी टैरिफ को जवाब देने के लिए आया ब्लैक टाइगर, पढ़ें डिटेल

Shrimp Export: अमेरिकी टैरिफ को जवाब देने के लिए आया ब्लैक टाइगर, पढ़ें डिटेल

Shrimp Export अमेरिकी टैरिफ से परेशान झींगा किसानों को ब्लैक टाइगर से राहत मिली है. झींगा एक्सपर्ट का कहना है कि अब ज्यादातर किसान ब्लैक टाइगर पाल रहे हैं. एक्सपोर्ट बाजार में इसकी बहुत डिमांड है. एक आंकड़े के मुताबिक आंध्र प्रदेश में ही 50 फीसद से ज्यादा किसानों ने ब्लैक टाइगर का पालन शुरू कर दिया है. अभी तक वेनामी झींगा का पालन हो रहा था. 

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Shrimp Export: अमेरिकी टैरिफ को जवाब देने के लिए आया ब्लैक टाइगर, पढ़ें डिटेल

अमेरिकी टैरिफ लगते ही भारतीय बाजारों में हड़कंप मच गया था. सबसे बड़ा झटका सीफूड सेक्टर को लगा था. अमेरिका सीफूड में शामिल प्रॉन (झींगा) का सबसे बड़ा खरीदार था. भारत से बड़ी मात्रा में वेनामी झींगा अमेरिका समेत चीन और यूरोपीय देशों को जाता है. लेकिन अब अमेरिका को जवाब देने के लिए भारत ने ब्लैक टाइगर को सामने कर दिया है. बीते कुछ महीने से जो झींगा किसान अपने तालाबों को निहार रहे थे वो अब मुस्करा रहे हैं. ब्लैक टाइगर ने झींगा किसानों में एक नई उम्मीद जगा दी है. 

किसानों ने वेनामी झींगा को छोड़ अब भारतीय ब्लैक टाइगर का पालन शुरू कर दिया है. मायूस हो चुके किसान अब 45 एकड़ के तालाब में ब्लैक टाइगर ही पाल रहे हैं. ऐसे ही आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जि‍ले के किसान हैं. सुब्बा नायडू टैरिफ को लेकर बहुत परेशान हो गए थे. उम्मीद तक छोड़ बैठे थे. लेकिन अब सुब्बा 45 एकड़ के तालाब में ब्लैक टाइगर झींगा पाल रहे हैं. 

ब्लैक टाइगर का कम बैक है 

सीफूड मार्केट में ब्लैक टाइगर इज बैक की चर्चा जोरों पर है. इसे ब्लैक टाइगर का कम बैक माना जा रहा है. हालांकि ब्लैक टाइगर की धमाकेदार वापसी साल 2022 में हो चुकी थी. साल 2023-24 में ब्लैक टाइगर की डिमांड में 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी. ब्लैक टाइगर ने आते ही सबसे पहले झींगा किंग इक्वाडोर को टक्कर दी थी. झींगा किसान और एक्सपर्ट डॉ. मनोज शर्मा की मानें तो इक्वाडोर इंटरनेशनल मार्केट में दूसरे सभी देशों के मुकाबले हर साइज और वजन का झींगा एक डॉलर कम के रेट में बेचता है. इसीलिए भारत का वेनामी झींगा इक्वाडोर से पिछड़ रहा था. इसी के चलते देश में ब्लैक टाइगर झींगा पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. 

सीफूड बाजार के लिए नया नहीं है ब्लैक टाइगर

डॉ. मनोज शर्मा ने किसान तक को बताया कि साल 2010 से पहले ब्लैक टाइगर झींगा खूब एक्सपोर्ट होता था. फिर अचानक से बाजार में वेनामी झींगा आ गया और ब्लैक टाइगर की डिमांड कम हो गई. लेकिन अब फिर से ब्लैक टाइगर झींगा पसंद किया जा रहा है. ये पूरी तरह से एशि‍याई है. इसका बीच भारत में ही तैयार किया जाता है. भारत की मिट्टी और यहां का पानी इसके स्वाद को और बढ़ा देते हैं. यही वजह है कि एशि‍या में और दूसरे देश भी हैं, लेकिन पसंद भारत का ज्यादा किया जा रहा है. 2023-24 में 25 फीसद डिमांड बढ़ना इसका सुबूत है. 

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