बकरियों की प्रजनन प्रक्रिया को समझना किसी भी बकरी पालक के लिए बहुत जरूरी है. खास तौर पर यह जानना कि बकरी हीट में आई है या नहीं, यह बेहद जरूरी है. अगर आप इसे पहचानने में सक्षम हैं, तो आप सही समय पर बकरी के प्रजनन के लिए कदम उठा सकते हैं. लेकिन अगर नहीं पता लगा पा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. आपको बता दें बकरी के हीट में आने के कुछ ख़ास लक्षण हैं, जिन्हें पहचान कर आप इसके बारे में सही जानकारी का पता लगा सकते हैं. तो आइए जानते हैं 5 प्रमुख लक्षण के बारे में, जिनसे आप आसानी से जान सकते हैं कि बकरी गर्मी में आई है या नहीं.
बकरी के हीट में आने का पता लगाने के दो और भी आसान और सस्ते तरीके हैं. पहला, अगर यह पता चल जाए कि बकरियां हीट में आने वाली हैं, तो उनके लिए अलग झुंड बना लें. फिर ब्रीडर बकरी को काबू में करके उस झुंड में बकरियों के बीच छोड़ दें. बकरी गर्मी में आई बकरी को सूंघ लेती है और अपना व्यवहार बदलने लगती है. इससे पता चल जाता है कि बकरी गर्मी में आ गई है. दूसरा, बधिया की गई बकरी जो ब्रीडर नहीं बन सकती और प्रजनन नहीं कर सकती, उसे बकरियों के झुंड में छोड़ दिया जा सकता है. इससे भी तुरंत उसका व्यवहार बदलने लगता है और गर्मी में आई बकरी के बारे में पता लगाना आसान हो जाता है.
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हर गर्भवती बकरी का समय पर गर्भ जांच करना आवश्यक है. बकरियों में गर्भकाल पांच महीने (145-155 दिन) का होता है. यह जरूरी नहीं है कि हर गर्भवती बकरी गर्भवती हो जाए. समय पर गर्भ जांच न करवाने से दोहरा नुकसान होता है. सबसे पहले तो समय पर गर्भ निदान न होने के कारण बकरियों को गर्भावस्था के दौरान उचित आहार नहीं मिल पाता, जिससे गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है और कमज़ोर बच्चे पैदा होते हैं. दूसरे, खाली (गैर-गर्भवती) बकरियों के रख-रखाव में अनावश्यक खर्च होता है और बकरी पालन में अपेक्षित लाभ नहीं होता.
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गर्भावस्था के दौरान बकरियों की उचित देखभाल और संतुलित आहार मेमनों के लिए अच्छा होता है. गर्भवती बकरियों को ब्याने से एक सप्ताह पहले हल्का, आसानी से पचने वाला अनाज और चारा देना चाहिए. इन बकरियों को ब्याने के अनुमानित समय से 7-8 दिन पहले बाड़ों के आसपास चराया जाना चाहिए या बाड़ों में रखा जाना चाहिए. ब्याने से 15 दिन पहले कुछ जरूरी तैयारियां कर लेनी चाहिए.
बच्चा पैदा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रत्येक बाड़े को अच्छी तरह से साफ करके सुखा लेना चाहिए. एक सप्ताह के बाद उसमें चूना डालकर सूखी घास बिछा देनी चाहिए. इन बाड़ों का इस्तेमाल प्रत्येक ब्याने वाली बकरी के लिए करना चाहिए.
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