भारत विश्व में दूध उत्पादन में नंबर वन है. ऐसा होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है हमारे देश में दुधारू पशुओं की संख्या ज्यादा है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है जो देश दूध उत्पादन में हमसे पीछे हैं उनके यहां प्रति पशु दूध उत्पादन हमसे कहीं ज्यादा है. अगर हमारे यहां भी प्रति पशु दूध उत्पादन ज्यादा हो तो उत्पादन का ये आंकड़ा और बढ़ सकता है. और शायद इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार पशु नस्ल सुधार पर काम कर रही है. इसी के चलते कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
ये सभी कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन से जुड़े हुए हैं. इसी में से एक है भ्रूण प्रत्यारोपण (ईटी). हालांकि कुछ खास वजहों के चलते अभी ये तकनीक खासी महंगी है. इसी लिए ज्यादा से ज्यादा पशुपालक अभी इसे अपना नहीं रहे हैं. पशुपालकों का पूरा ध्यान अब आर्टिफिशल इंसेमीनेशन (एआई) की तरफ है. लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो एआई ईटी का विकल्प नहीं है. दोनों के बीच खासा अंतर है.
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प्रश्न- ईटी क्या है? क्या यह कृत्रिम गर्भाधान का विकल्प है? मेरी गाय-भैस बार-बार एआई कराने पर भी गाभिन नहीं हो रही है, क्या मैं उन्हें गाभिन करने के लिए ईटी का उपयोग कर सकता हूं?
उत्तर- ईटी तकनीक में उच्च गुणवत्ता वाले गाय-भैंस से भ्रूण पैदा कर उन्हें ग्राही (रेसीपीएंट) गाय-भैंस के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है. ग्राही गाय-भैंस उसका पूर्ण गर्भकाल तक पालन करती है. यह एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले पशुओं से उनके पूरे जीवन काल में सामान्य से अधिक बच्चे पैदा लिए जा सकते है. ईटी एआई (कृत्रिम गर्भाधान) का विकल्प नहीं है. यह जरूरी नहीं कि एआई कराने के बाद बार-बार रिपीट होने वाली गाय-भैस पर ईटी पूरी तरह से कामयाब हो. अगर गाय-भैंस के गर्भाशय में कोई बीमारी या खराबी है तो ईटी तकनीक सफल नहीं होगी.
प्रश्न- गाय-भैंस के लिए मुझे ईटी की सुविधा कौन उपलब्ध करा सकता है? उसके लिए क्या कीमत चुकानी होगी? क्या में ईटी से नर या मादा का चुनाव कर सकता हूं?
उत्तर- देश में ईटी की सुविधा कालसी फार्म, देहारादून (उत्तराखंड), साबरमती आश्रम गौशाला (बीडज, गुजरात), बुल मदर फार्म (हृष्ट, पश्चिम बंगाल), ईटी सेन्टर (नाभा, पंजाब) और बायफ (पुणे, महाराष्ट्र) द्वारा ईटी तकनीक की सुविधा दी जा रही है. इस तकनीक के लिए सभी केन्द्रों पर वीर्य (सीमेन) उत्पादन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सांड़ों को पैदा करते हैं. ईटी की सेवा व्यक्तिगत स्तर पर नहीं दी जाती है. ये सुविधा अभी सामान्यता बड़े फार्म वाली संस्थाओं को दी जा रही है. कीमत की बात करें तो ईटी की कीमत भ्रूण की नस्ल, उसकी गुणवत्ता और गर्भधारण की सफलता पर निर्भर करती है. सेक्स सॉर्टेड सीमन (वीर्य) द्वारा नर या मादा बच्चे में चुनाव की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है.
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एनिमल एक्सपर्ट डीके राही का कहना है कि आमतौर पर पशुपालक यही समझते हैं कि एआई और ईटी तकनीक एक ही है. लेकिन ऐसा नहीं है. एआई में सीमेन एक खास गन से पशु के अंदर पहुंचाया जाता है. जबकि ईटी में इस गन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. भूण का प्रत्यारोपण करने के लिए एक खास तकनीक इस्तेमाल की जाती है. इसलिए किसी भी ऐसे इंसान के झासे में ना आएं जो ये कहता हो कि वो एआई की गन से ईटी करा देगा.
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