रामचंद्र चौधरी ने रिजका बीज एक्सपोर्ट किए जाने का आरोप लगाया है.Fodder Seed Issue ‘उत्तरी भारत के राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश समेत गुजरात में भी इस बार बारिश ने भारी तबाही मचाई है. जिसका नुकसान ये हुआ कि खेतों में जो हरे चारे की फसल बोई गई थी वो पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इतना ही नहीं किसानों की फसलों से जो चारा मिलता है उसकी भी कोई उम्मीद नहीं बची है. अगर फसलों से कुछ चारा मिला भी तो वो 20 फीसद से ज्यादा नहीं होगा. अब इस हालात से निपटने के लिए सितम्बर से नवंबर के बीच बोया जाने वाला रिजका चारा का बीज भी मुसीबत बन गया है.
देश के ज्यादातर राज्यों को रिजका बीज की सप्लाई गुजरात करता है. नॉर्थ इंडिया के ज्यादातर पशुपालक रिजका बीज के लिए भटक रहे हैं. बाजार में जो रिजका बीज मिल भी रहा है तो वो ऊंचे दामों पर ब्लैक में बिक रहा है.’ ये आरोप हैं रामचन्द्र चौधरी, अध्यक्ष, अजमेर डेयरी संघ के. उनका ये भी कहना है कि ऐसी जानकारी मिली है कि सरकार ने रिजका बीज एक्सपोर्ट करने की अनुमति दे दी है. जिसके चलते ऊंचे दामों पर रिजका बीज दूसरे देशों को बेचा जा रहा है.
रामचन्द्र चौधरी का आरोप है कि एक्सपोर्ट होने से रिजका का बीज महंगे दामों पर विदेशों में भेजा जा रहा है. इसी के चलते मौजूदा वक्त में राजस्थान में रिजके का बीज ब्लैक में बिक रहा है. रिजके का जो बीज 200 रुपये किलो मिलता था वही अब बाजार में 500 से 700 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है. हालांकि आरसीडीएफ द्वारा अपने बीकानेर फार्म से रिजका बीज राजस्थान के पशुपालको को 200 रूपये प्रति किलो में बेचा जा रहा है. लेकिन अभी भी बीज की इतनी मांग है कि बीज के लिए पशुपालक भटक रहे हैं.
रामचन्द्र चौधरी ने अजमेर के सांसद और कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी से मांग की है कि रिजके के बीज के निर्यात पर तत्काल पाबन्दी लगवाकर राजस्थान के पशुपालकों को रिजका बीज सस्ती दर पर उपलब्ध करवाया जाए. नहीं तो पशुपालाकों की हालत वही होगी जो किसानों को खाद और बीज प्रर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने पर हुई थी. अगर रिजके के बीज की व्यवस्था नहीं हुई तो राजस्थान में दूध के उत्पादन पर इस साल बुरा असर पडेगा और राजस्थान देश में दूध उत्पादन में दूसरे स्थान पर ही रहेगा.
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