Goat Farming in Summer उत्तर भारत में तापमान 42 डिग्री को पार कर चुका है. कुछ शहर तो ऐसे हैं जहां तापमान 46 डिग्री को भी छू चुका है. गर्म हवाएं भी परेशान कर रही हैं. ऐसे में इंसान ही नहीं पशु भी इस भीषण गर्मी से प्रभावित होते हैं. अगर बकरी पालकों की बात करें तो उन्हें भी अलर्ट होने की जरूरत है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो बकरियों को हॉर्ड इम्यूनिटी वाला माना जाता है. कहा जाता है कि बकरियां जल्दी बीमार नहीं पड़ती हैं. लेकिन लू चलने के दौरान बकरियों के बच्चे जल्दी गर्मी की चपेट में आ जाते हैं. आप शायद सुनकर चौंकेंगे, लेकिन इस तरह की गर्मी में ही बकरी के बच्चे निमोनिया की चपेट में आते हैं.
कई बार निमोनिया के चलते ही उनकी मौत तक हो जाती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट की मानें तो सभी पशुओं में बकरी एक ऐसी प्रजाति है जो गर्मियों में बहुत ही कूल रहती है. गर्मी के चलते दूसरे पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है, लेकिन बकरी के दूध उत्पादन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन ये भी एक बड़ी हहकीकत है कि गर्मी जैसे मौसम में बच्चों को निमोनिया हो जाता है.
डॉ. अशोक कुमार की मानें तो हमारे देश में जब भी मौसम परिवर्तन होता है तो अचानक से होता है. जैसे अगर गर्मियां शुरू होती हैं तो तापमान अचानक से ही तेजी के साथ बढ़ने लगता है. ऐसे मौसम में खासतौर पर बकरी के बच्चे अपने को उस मौसम में नहीं ढाल पाते हैं. जिसके चलते वो निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं. निमोनिया शुरू होते ही उन्हें बुखार आने लगता है, नाक बहती है और सांस लेने में परेशानी होती है. जैसे ही यह लक्षण दिखाई दें तो फौरन ही डॉक्टर के पास ले जाएं. जब तक डॉक्टर दवाई खिलाने की कहे तो बकरी के बच्चे को लगातार बिना गैप के उसे दवाई खिलाएं.
डॉ. अशोक कुमार का ये भी कहना है कि गर्मी शुरू होते ही सबसे पहले तो बकरी पालक को बकरियों के आवास में बदलाव करना चाहिए. बकरियों के शेड को इस तरह से ढक दें कि उसमे गर्म हवाएं आसानी से न आएं. दूसरा यह कि दोपहर एक बजे से चार बजे तक बकरियों और उनके बच्चों को चराने न ले जाएं. सुबह और शाम में ही बकरियों को चराने ले जाएं. पानी खूब पिलाएं. ध्यान रहे कि मौसम के चलते पानी गर्म न हो. क्योंकि गर्मी के मौसम में बकरियों के चरने के वक्त में कमी आ जाती है तो उन्हें शेड में ही भरपूर चारा दें. कोशिश करें कि इस दौरान बकरियों और उनके बच्चों को पूरा न्यूट्रिशन दें. इसके लिए चाहें तो पैलेट्स फीड भी खिला सकते हैं.
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