यमुना में मृत पाई गईं हजारों मछलियां, दुर्गंध से किसानों का खेती करना हुआ दुश्वार

यमुना में मृत पाई गईं हजारों मछलियां, दुर्गंध से किसानों का खेती करना हुआ दुश्वार

यह मामला दिल्ली के बुराड़ी का है जहां यमुना के पानी में हजारों मछलियां मृत पाई गईं. यहां किसान बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. उनका कहना है कि मरी मछलियों का बदबू इतना असहनीय है कि उसमें खेती करना मुश्किल है. मछलियों के दुर्गंध से किसान आसपास रुक नहीं पा रहे हैं.

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यमुना में मृत पाई गईं हजारों मछलियां, दुर्गंध से किसानों का खेती करना हुआ दुश्वारयमुना नदी में मृत पाई गईं मछलियां

दिल्ली की यमुना नदी में फिर से हजारों मछलियों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है. बुधवार सुबह किसानों ने देखा कि यमुना किनारे हजारों मछलियों का झुंड मृत अवस्था में पड़ा है. इसको लेकर किसान चिंतित हैं. मरी हुई मछलियों की वजह से यमुना किनारे के इलाकों में दुर्गंध फैल गई है. इससे खेतों में काम करने वाले किसानों को परेशानी हो रही है. सरकार बदलते ही यमुना की सफाई कर रिवर फ्रंट बनाने और यमुना में क्रूज चलाने का दावा किया गया था जो खोखला साबित हो रहा है. हर बार की तरह एक बार फिर यमुना नदी में मछलियों का मरना शुरू हो गया है. किसानों का आरोप है कि यमुना नदी में हरियाणा से केमिकल वाला पानी छोड़ा जा रहा है जिससे यमुना नदी का पानी जहरीला हो गया है. इसी वजह से मछलियों की मौत हो रही है.

ताजा मामला बुराड़ी इलाके का है जहां बुधवार सुबह यमुना किनारे किसानों को दुर्गंध की वजह से जिन दुश्वार हो गया. खेतों में काम करने वाले किसान यमुना किनारे पहुंचे तो देखा कि हजारों की तादाद में मछलियां मृत अवस्था में पड़ी हैं जिनकी दुर्गंध से किसानों को खेतों में काम करना दुश्वार हो गया. किसानों का आरोप है कि यमुना नदी में पिछले तीन दिनों से हरियाणा से केमिकल वाला पानी लगातार छोड़ा जा रहा है. इससे यमुना नदी का पानी दूषित हो गया और यमुना में रहने वाले जल जीव और मछलियां तड़प-तड़प कर करने लगी हैं.

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यमुना नदी पर राजनीति जारी

यह वही यमुना नदी है जिसके मुद्दे पर दिल्ली में आम आदमी पार्टी के हारने के बाद बीजेपी ने सरकार बनाई. बीजेपी ने जीतते ही राजधानी दिल्ली की यमुना नदी को साफ स्वच्छ करने का मुद्दा बनाते हुए इसकी सफाई का अभियान चलाया. मगर दिल्ली में भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन यमुना नदी के हालात आज भी नहीं बदले. कई बार यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है तो कई बार कालिंदी कुंज इलाके में जहरीले झाग दिखाई देते हैं. वही यमुना नदी के पानी में केमिकल की मात्रा ज्यादा होने के चलते जल जीव को भारी नुकसान होता है. लाखों की तादाद में मछलियां मर जाती हैं. इस बार भी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में यही देखने को मिला जहां लाखों मछलियां दिन निकलते ही मृत दिखाई दीं.

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हालांकि पिछले मॉनसून में भी यमुना नदी में मृत मछलियों की एक सफेद परत पसरी हुई दिखाई दी थी और बदबू से किसानों का बुरा हाल था. मॉनसून के दौरान यमुना नदी में ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से मछलियों के करने का कारण विशेषज्ञों ने बताया था. मगर राजधानी दिल्ली में अभी मॉनसून नहीं आया है और न ही लगातार बरसात हो रही है. फिर सवाल है कि मछलियां यमुना नदी में कैसे मर रही हैं. 

मछलियों के मरने से किसान चिंतित

यमुना नदी में एक बार फिर से मछलियों के मरने की खबर से आसपास के लोग तो चिंतित हैं. इससे कहीं न कहीं दिल्ली सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं. जिस यमुना नदी को साफ करने के दावे दिल्ली सरकार कर रही थी, उस यमुना नदी में सफाई तो छोड़िए, गंदे ड्रेन की कनेक्टिविटी अभी तक दिल्ली सरकार बंद नहीं करवा पाई है. इसकी वजह से दिल्ली यमुना नदी में हर बार जलजीव को भारी नुकसान होता है. बड़ी मात्रा में मछलियों के मरने की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे में जरूरत है दिल्ली सरकार समय रहते इस गंभीर समस्या का समाधान करे.(हर्षित मिश्रा की रिपोर्ट)

 

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