उत्तर प्रदेश के मछली पालकों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की शुरूआत की थी. लेकिन बीते कुछ दिनों से लाभार्थियों के खाते में योजना की किश्त नहीं पहुंची थी. जिसको लेकर मछली पालकों में मायूसी छाई हुई थी. इस मामले में निदेशक मत्स्य उत्तर प्रदेश नुरूस्सबूर रहमानी ने इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भारत सरकार की योजना है. भारत सरकार के वित्त नियंत्रक ने पाबंदी लगा दी, कि यूपी सरकार के मत्स्य विभाग का खात ठीक नहीं खुला हुआ है. उन्होंने बताया कि खाता खुल ना पाने के कारण पैसा भारत सरकार से रिलीज नहीं हो पाया. क्योंकि खाता सीधे रिजर्व बैंक में खुलता है. जिसके कारण थोड़ा विलंब हुआ है.
रहमानी आगे बताते हैं कि इससे पहले प्रमुख सचिव और हम खुद दिल्ली गए थे. इस बात पर सहमति हो गई है कि हम पुरानी व्यवस्था पर पैसा दे देंगे. हम यहां नई व्यवस्था में खाता खुलवाने की तैयारी पूरी कर ली हैं. अभी हमारे पास पैसा नहीं है, लाभार्थियों की शिकायत जायज है, ऐसे में लाभार्थियों को नहीं पता आखिर पैसा खाते में किस कारम से नहीं आ रहा है. निदेशक मत्स्य ने बताया कि अक्टूबर में पैसा प्रदेश के सभी लाभार्थियों को खाते में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का पैसा आ जाएगा. इसके लिए मत्स्य पालन विभाग के बजट में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.
भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का मकसद मत्स्य पालन और कृषि के क्षेत्र में पॉजिटिव बदलाव लाना है. बता दें किसानों के लिए सरकार ने इस योजना को खास तौर पर शुरू किया है. बहुत से किसानों को फसलों के माध्यम से उचित मुनाफा नहीं हो पा रहा था. इसीलिए सरकार द्वारा किसान इस योजना के तहत खुद का ही व्यवसाय कर सकते हैं. इस योजना में जरूरी नहीं है आवेदक किसान हो तभी उसे लाभ दिया जाएगा.
इस योजना में मछली पालन के संबंधित कार्यों में शामिल लोगों को भी लाभ दिया जा रहा है. जैसे मछुआरे, मछली पालक किसान, मछली श्रमिक और मछली विक्रेता. मत्स्य निगम के सदस्य भी योजना का लाभ उठा सकते हैं. तो वहीं मत्स्य पालन सहकारी समितियां और मछली पालन के व्यवसाय में जुड़ी निजी कंपनियां भी योजना में आवेदन दे सकती हैं.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लोगों को व्यवसाय में आ रही लागत का 40% तक लाभ दिया जाता है. तो वहीं जो महिलाएं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखती है उन्हें 60% तक अनुदान दिया जाता है.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आवेदन देने के लिए योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmmsy.dof.gov.in/ पर जाना होगा. उसके बाद योजना के तहत लोगों करके उसमें जुड़ी गई सभी जानकारी दर्ज करनी होगी साथ ही संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे. इसके बाद योजना में लाभ लेने वाले आवेदक को एक डीपीआर तैयार करना होगा उसे अपने एप्लीकेशन के साथ जमा करना होगा. डीपीआर सक्सेसफुली एप्रूव्ड होने के बाद योजना का लाभ दिया जाएगा.
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