Dry Fish: एक्सपर्ट के मुताबिक बरसात में ऐसे सुखाएं मछली, बढ़ जाएगा मुनाफा

Dry Fish: एक्सपर्ट के मुताबिक बरसात में ऐसे सुखाएं मछली, बढ़ जाएगा मुनाफा

Dry Fish Export साल 2022-23 में भारत से 5.5 हजार करोड़ रुपये की सूखी मछली का एक्सपोर्ट हुआ था. अच्छी बात ये है कि एक ही साल में देश ने इस आंकड़े को डबल पर पहुंचा दिया है. और ये सब मुमकिन हुआ है मछली सुखाने की नई टेक्नोलॉजी से. सीफेट, लुधियाना समेत दूसरे संस्थानों ने मछली सुखाने की नई-नई टेक्नोलॉजी तैयार की है.

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Dry Fish: एक्सपर्ट के मुताबिक बरसात में ऐसे सुखाएं मछली, बढ़ जाएगा मुनाफाFish: महानंदा की मछलियां

Dry Fish Export देश की बात करें तो नॉर्थ-ईस्ट और ईस्ट के राज्यों में सूखी मछली का बड़ा बाजार है. इतना ही नहीं विश्व के बहुत सारे देशों में भी सूखी मछली बहुत पसंद की जाती है. सूखी मछली के एक्सपोर्ट की बात करें तो इसका बड़ा बाजार है. लेकिन सूखी मछली के बाजार में कदम रखना इतना आसान नहीं होता है. क्योंकि सूखी मछली तैयार करने में साफ-सफाई का बहुत ख्याल रखना होता है. अगर सूखी मछली तैयार करने और बेचने के नियमों की बात करें तो बहुत सख्त हैं. सूखी मछली के मामले में घरेलू से ज्यादा इंटरनेशन मार्केट के नियम सख्त हैं. 

जानकारों की मानें तो देश में बड़ी मात्रा में मछली का उतपादन होता है. लेकिन मछली उत्पादन को देखते हुए सूखी मछली का एक्सपोर्ट अभी भी बहुत कम है. लेकिन अब नई तकनीक का इस्तेमाल कर नियम पूरे करते हुए सूखी मछली तैयार की जा सकती है. बेशक अब हमारे देश में मछली सुखाने की टेक्नोलॉजी छोटी है, लेकिन उसकी बदौलत आज देश में सूखी मछली का एक्सपोर्ट बढ़ रहा है. 

टेक्नोलॉजी से अब ऐसे सूख रही हैं मछलियां 

फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि मॉनसून का मौसम चल रहा है. ऐसे में साफ-सफाई के साथ मछली सुखाना बहुत टेड़ा काम होता है. क्योंकि मछली सुखाने के लिए जितनी जरूरत धूप की होती है उससे कहीं ज्यादा उसे धूल-मिट्टी और तमाम तरह के मच्छर-मक्खी और दूसरे कीट से बचाने की होती है. ऐसा होने पर ही सूखी मछली के सही दाम बाजार में मिल पाते हैं. कोस्टल एरिया की बात करें तो वहां अभी भी समुद्र किनारे रेत पर और नदी किनारे खुले में मछलियां सुखाई जाती हैं. इस तरीके से मछली सुखाने में साफ-सफाई के मानक पूरे नहीं हो पाते हैं. 

इस तरह मछली सुखाने से धूल-मिट्टी आने के साथ ही मछलियों पर मक्खियां भी बैठती हैं. मक्खियां इस पर अंडे भी दे देती हैं और यह बीमारियों की वजह बनती है. कई बार तो मौसम खराब होने पर मछलियां सूख नहीं पाती हैं. इसी को देखते हुए मछलियां को सुखाने के लिए सीफेट ने एक सोलर टेंट ड्रायर बनाया है. इसमे किसी भी तरह की मशीन की जरूरत नहीं है. यह सामान्य चीजों से ही बनाया गया है. 

सोलर टेंट के एक हिस्से को ट्रांसपेरेंट बनाया गया है. यहां से धूप पूरी तरह टेंट के अंदर आती है. टेंट के अंदर का हिस्सा पूरी तरह से काले रंग का है. काला रंग धूप की गर्मी अंदर की ओर खींचता है. जिससे टेंट के अंदर गर्मी बढ़ जाती है और हवा भी गर्म हो जाती है. ऐसा होने पर मछली सूखने की प्रक्रिया तेज हो जाती है. टेंट के अंदर मछलियों रखने के लिए चार सेल्फ बनाई गई हैं. सेल्फ जाली की है. जिसका फायदा यह होगा कि सूखने पर कभी-कभी मछली में से पानी टपकता है तो वो जाली के पार हो जाएगा. 

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