Duck Farming: क‍िसान अध‍िक लाभ के ल‍िए करें बत्तख पालन, जानिए उन्नत नस्लें और तरीके की जानकारी

Duck Farming: क‍िसान अध‍िक लाभ के ल‍िए करें बत्तख पालन, जानिए उन्नत नस्लें और तरीके की जानकारी

में डक फार्मिंग (Duck Farming) यानी बत्तख पालन (batakh palan) एक आकर्षक कृषि व्यवसाय है. बत्तख के अंडे (Duck Egg) और मांस की कीमत मुर्गी के अंडे ओर मांस से अधिक है जिससे किसानों को खूब आमदनी होती है.

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Duck Farming: क‍िसान अध‍िक लाभ के ल‍िए करें बत्तख पालन, जानिए उन्नत नस्लें और तरीके की जानकारी Duck Farming

अब तक आपने मुर्गी पालन (Murgi palan) और इससे जुड़े अन्य व्यवसायों के बारे में सुना होगा. पॉल्ट्री के व्यवसाय (poultry business) में मुर्गी पालन को सबसे अधिक मुनाफे का व्यवसाय माना गया है. अधिकतर लोग इस व्यवसाय को करना पसंद करते हैं, खास कर छोटे ओर सीमांत जमीन वालों की दिलचस्पी इस रोजगार में सबसे अधिक देखी गई है. ऐसे में डक फार्मिंग (Duck Farming) यानी बत्तख पालन (batakh palan)  एक आकर्षक कृषि व्यवसाय है.

बत्तख के अंडे (Duck Egg) और मांस की कीमत मुर्गी के अंडे ओर मांस से अधिक है, जिससे किसानों को खूब आमदनी होती है. पोल्ट्री व्यवसाय में मुर्गी के बाद बत्तख पालन (Duck Farming) सबसे अधिक किया जाता है. इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का यह भी मानना है कि बत्तख पालन में मुर्गी पालन से भी ज़्यादा  मुनाफा है. अगर आप भी बत्तख पालन कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. तो आइये जानते हैं कैसे करें बत्तख पालन:

कैसे करें बत्तख पालन कि शुरुआत (How to start duck farming)

बत्तख पालन शुरू करने के लिए आपको शांत जगह की जरूरत होती है, जहां आपके बत्तखों को किसी भी तरह का कोई नुकसान न हो. तालाब या पोखरों के नज़दीक बत्तख पालन करना अच्छा होता है। इसके कई फायदे हैं :

  • पहला- बत्तखों को तैरने के लिए जगह मिल जाती है.
  • दूसरा- आहार के लिए कीड़े-मकोड़े और घोंघे की व्यवस्था हो जाती है

ऐसे में अगर शेड के आसपास तालाब या पानी की व्यवस्था नहीं है, तो तालाब या नालियों की खुदाई ज़रूर करा लें. बत्तख पालन में पानी की आवश्यकता सबसे अधिक होती है. पानी की व्यवस्था होने से बत्तखों की प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है. अगर तालाब की खुदाई में खर्चा अधिक आ रहा है तो टीनशेड के चारों तरफ 2-3 फुट गहरी व चौड़ी नाली बनवा लें, जिसमें बतखें आसानी से तैर सकें.

चूजों का चुनाव करते समय यह ज़रूर ध्यान रखें कि आपका बत्तख पालन करने का उद्देश्य क्या है? इसके लिए उन्नत नस्ल के स्वस्थ चूजों का ही चुनाव करें, जिसका भार 35-40 ग्राम से कम न हों.

बत्तख पालन के लिए ज़रूरी जलवायु (climate required for duck farming)

बत्तख एक जलीय पक्षी है, जो गांव के तालाबों, धान और मक्के के खेतों में आसानी से पाला जा सकता है. बत्तख पालने के लिए नम जलवायु की आवश्यकता होती है, जहां साल भर पानी की उचित व्यवस्था हो वहां बत्तख पालन आसानी से किया जा सकता है. इसके लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल होता है.

बत्तख के लिए आहार प्रबंधन (Diet Management for Ducks)

बत्तखें कुछ भी खा लेती हैं, बशर्ते खाना गीला हो. सूखा खाना इनके गले में फंस जाता है. बत्तख का पसंदीदा आहार रसोई का कचरा, जूठन, चावल, मक्का, चोकर, घोंघे, मछली का आहार है. नदियों में छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े खाकर ये आसानी से अपना पेट भर लेती हैं. इसलिए, इनके आहार पर कुछ खास खर्च नहीं करना पड़ता है.

बत्तख की उन्नत नस्लें (advanced breeds of ducks)

बत्तख की प्रमुख 3 नस्लें हैं. ऐसे में अगर आप भी बत्तख पालन करना चाहते हैं तो इन नस्लों का चयन कर आप बत्तख पालन कर सकते हैं: 

  • मांस उत्पादन के लिए- सफेद पैकिंग, एलिसबरी, मस्कोवी, राउन, आरफींगटन, स्वीडन, पैकिंग
  • अंडा उत्पादन के लिए- इंडियन रनर
  • दोनों के लिए- खाकी कैंपबेल

बत्तख पालन (batak palan) में लागत और कमाई का हिसाब (cost and profit in duck farming)

अगर एक साल में एक बत्तख 280 से 300 अंडे देती है, जो मुर्गियों के मुकाबले दोगुनी है. वहीं दूसरी ओर इसके एक अंडे की कीमत बाज़ार में 9 से 11 रुपये मिल जाती है. इसके मांस की मांग भी बहुत अधिक है. लागत की बात करें तो बत्तख पालन व्यवसाय (duck farming business) में बहुत ही कम पूंजी खर्च होती है. 1,000 चूजों पर साल भर में 1-1.5 लाख रुपये की लागत आती है. इससे पशुपालकों को प्रतिवर्ष 3-4 लाख रुपये की कमाई हो जाती है.
 

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