Dog Research in IVRI दौड़कर आते हुए पैरों से लिपटना. जगह-जगह चाटना और दुम हिलाना. आप कुछ वक्त और दिन के लिए दिखाई न दें तो उदास हो जाते हैं. कुत्ता गली का हो या फिर घर में पाला जाने वाला, सभी का इंसानों के साथ कुछ ऐसा ही व्यवहार होता है. लेकिन इसके साथ ही कुत्तों का एक रूप ये भी है कि जिसके साथ प्यार, लगाव दिखाते हैं, जिसकी जान की हिफाजत करते हैं तो उसी पर हमला भी कर रहे हैं. कई केस में तो गली के कुत्तों से लेकर घर में शान-ओ-शौकत से पलने वाले पिट बुल ने अपने ही मालिक की जान ले ली.
गली के कुत्ते बच्चों से लेकर बड़ों तक पर हमला कर रहे हैं. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि प्यार करते-करते अचानक से कुत्ते खूंखार हो रहे हैं. इसी सवाल का जवाब जानने के लिए भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली रिसर्च सेंटर बनाने जा रही है. इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से करोड़ों रुपये का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है. पैसे को भी मंजूरी दे दी गई है. ये देश का पहला कैनाइन रिसर्च सेंटर होगा.
जानकारों की मानें तो आईवीआरआई परिसर में एडवांस रिसर्च सेंटर फॉर कैनाइन बनाया जाएगा. इस पर करीब 16 करोड़ रुपये की लागत आ रही है. केन्द्र सरकार से इस प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है. 16 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर हो गया है. बस अब 16 करोड़ रुपये जारी होने का इंतजार है. रुपये जारी होते ही काम शुरू हो जाएगा. आईवीआरआई के पीआरओ सतीश जोशी के मुताबिक ये देश का पहला कैनाइन रिसर्च सेंटर होगा. तीन सब सेंटर भी बनाए जाएंगे.
एक अच्छी खबर ये भी है कि कैनाइन रिसर्च सेंटर के साथ ही छात्रों की पढ़ाई के लिए वर्चुअल डॉग और एनॉटोमी सेंटर भी बनाया जाएगा. इसकी मदद से छात्र रिसर्च पूरी कर सकेंगे. साथ ही कुत्तों के इलाज के दौरान सीटी स्कैन, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और ट्यूमर आदि में खासी मदद मिलेगी. गौरतलब रहे आईआरवीआई में कुत्तों के इलाज और उनकी कुछ खास परेशानियों से जुड़ी चीजों को लेकर रिसर्च हो चुकी है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है इस रिसर्च सेंटर के बनने से कुत्तों के इलाज और उनके व्यवहार को जानने में और मदद मिलेगी.
अगर पशु-पक्षियों पर बने रिसर्च सेंटर की बात करें तो देश में काऊ रिसर्च सेंटर, मेरठ, बफैलो रिसर्स सेंटर, हिसार, इक्वाइन रिसर्च सेंटर, हिसार, गोट रिसर्च सेंटर, मथुरा, शीप रिसर्च सेंटर, बीकानेर और इसके साथ ही गधा, खच्चर, यॉक, पोल्ट्री बर्ड आदि के भी रिसर्च सेंटर देश में चल रहे हैं.
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