Diarrhea in Poultry: ये हैं वो 8 वजह जिसके चलते मुर्गे-मुर्गियों को होते हैं दस्त, पढ़ें डिटेल

Diarrhea in Poultry: ये हैं वो 8 वजह जिसके चलते मुर्गे-मुर्गियों को होते हैं दस्त, पढ़ें डिटेल

Diarrhea in Poultry Bird मुर्गे-मुर्गियों में दस्त की बीमारी जहां पोल्ट्री फार्म की लागत को बढ़ा देती है, वहीं उत्पादन भी घट जाता है. इसके चलते पोल्ट्री फार्मर को दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है. ब्रॉयलर मुर्गों में दस्त होने के चलते उनकी क्वालिटी भी गिर जाती है. जिससे बाजार में उनके दाम कम हो जाते हैं.

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Diarrhea in Poultry: ये हैं वो 8 वजह जिसके चलते मुर्गे-मुर्गियों को होते हैं दस्त, पढ़ें डिटेलपंजाब में पॉल्ट्री की संख्या हुई दोगुनी

Diarrhea in Poultry Bird मौसम कोई भी हो, लेकिन मुर्गे-मुर्गियों को दस्त जैसी गंभीर बीमारी कभी भी चपेट में ले लेती है. कई बार तो दो-चार मुर्गियों में होने वाले दस्त पूरे पोल्ट्री फार्म में फैल जाते हैं. इसके चलते मुर्गे-मुर्गियों की ग्रोथ रुक जाती है. उत्पादन भी घट जाता है. कई बार दस्त जैसी मामूली दिखने वाली बीमारी जानलेवा हो जाती है. दस्त के चलते ही मुर्गियों की मौत तक हो जाती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि कभी भी दस्त को हल्के में नहीं लेना चाहिए. ये कई तरह के होते हैं. इसलिए जैसे ही मुर्गियों में दस्त के लक्षण दिखाई दें तो फौरन ही डॉक्टर की सलाह पर मुर्गियों का इलाज शुरू कर दें. 

क्योंकि इलाज में जितनी देरी की जाएगी तो पोल्ट्री फार्म की लागत उतनी ही बढ़ती जाएगी. इलाज का खर्च लागत को बढ़ा देता है. दस्त होने पर मुर्गियां कुछ खाती नहीं हैं. उनका पाचन सिस्टम बिगड़ चुका होता है. ये जरूरी नहीं है कि फीड देने में बरती गई लापरवाही के चलते ही दस्त होते हैं. कई बार मॉनसून में संक्रमण के चलते भी दस्त लग जाते हैं.  

मुर्गे-मुर्गियों में दस्त लगने की वजह  

  • साल्मोनेला या ई. कोली जैसे जीवाणु संक्रमण.
  • न्यूकैसल रोग या संक्रामक ब्रोंकाइटिस जैसे वायरल रोग.
  • कोक्सीडियोसिस या कीड़े जैसे परजीवी.
  • खराब गुणवत्ता या दूषित फीड.
  • आहार में अचानक परिवर्तन.
  • भीड़भाड़ या अत्यधिक तापमान के कारण तनाव.
  • गंदा पानी या ऐसे हालात जो स्वास्थ्य के लिए ठीक न हों. 
  • खराब फीड या कैमिकल से विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना.

पोल्ट्री फार्म में ऐसे पहचानें दस्त 

पानीदार या ढीली बूंदें.
दुर्गंधयुक्त मल.
कमज़ोरी और सुस्ती.
भूख न लगना.
निर्जलीकरण.
बार-बार दस्त के कारण गंदा वेंट क्षेत्र.
मुर्गी पालन में अंडे का उत्पादन कम होना.
पंख उखड़ना और कुल मिलाकर खराब दिखना.

मुर्गियों के दस्त का ऐसे करें इलाज 

  • हर समय साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराएं.
  • खेत की स्वच्छता में सुधार करें और नियमित रूप से कॉप को साफ करें.
  • संतुलित आहार सुनिश्चित करें और उच्च गुणवत्ता वाला चारा.
  • आंत के स्वास्थ्य में मदद के लिए प्रोबायोटिक्स का प्रबंध करें.
  • यदि आवश्यक हो तो अनुशंसित एंटीबायोटिक्स या एंटीपैरासिटिक दवाओं का उपयोग करें.
  • बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए बीमार पक्षियों को अलग रखें.
  • अचानक आहार परिवर्तन से बचें.
  • आरामदायक वातावरण बनाए रखकर तनाव कम करें.
  • निर्जलीकरण से निपटने के लिए इलेक्ट्रोलाइट समाधान प्रदान करें.
  • उचित निदान और उपचार के लिए पशु चिकित्सक से परामर्श करें.

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