जब भी कोई किसान नया पशु खरीदता है, तो उस पर कई जिम्मेदारियां आ जाती हैं. एक छोटी सी लापरवाही पूरे झुंड को बीमार कर सकती है. नए खरीदे गए पशु के माध्यम से संक्रमण फैल सकता है, जिससे आर्थिक और स्वास्थ्य दोनों तरह का नुकसान हो सकता है. इसलिए, पशु खरीदने से पहले और बाद में कुछ सावधानियों और नियमों का पालन करना बेहद ज़रूरी है.
नीचे दिए गए बिंदुओं में हम आसान भाषा में समझेंगे कि नया पशु खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
नया पशु खरीदने से पहले, तय करें कि आप किस नस्ल का पशु पालना चाहते हैं. यह निर्णय आपके उपलब्ध संसाधनों और आपके क्षेत्र की जलवायु पर निर्भर करता है. नस्ल चुनते समय, अपने स्थानीय पशु चिकित्सक, कृषि विज्ञान केंद्र या किसान कॉल सेंटर से सलाह लें. वे आपकी जरूरतों और संसाधनों के आधार पर सही नस्ल की सलाह दे सकते हैं.
बीमारियों से बचने के लिए पशु की खरीद का सही जगह महत्वपूर्ण है.
नया पशु खरीदते समय कुछ विशेष लक्षणों पर ध्यान दें जिससे यह पता चल सके कि वह स्वस्थ है या नहीं.
पशु खरीदने से पहले उसके इतिहास की जानकारी लेना जरूरी है:
पशु की आयु जानना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए आप उसके दांत देखकर उम्र का अंदाजा लगा सकते हैं. ज्यादा बूढ़ा पशु खरीदने से उसका उत्पादक जीवन छोटा होगा. इस बारे में भी पशु चिकित्सक की सलाह लेना फायदेमंद रहेगा.
पशु को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते समय उसे अधिक तनाव न हो, इसका विशेष ध्यान रखें:
जब आप नया पशु खरीद लाते हैं, तो तुरंत उसे पुराने पशुओं के साथ न मिलाएं. पहले उसे अलग रखें (क्वारंटीन करें) और कुछ दिन तक उसकी सेहत पर नजर रखें. अगर कोई बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें.
नया पशु खरीदते समय सावधानी और जानकारी, दोनों जरूरी हैं. अगर आपने नस्ल, स्रोत, स्वास्थ्य, आयु और परिवहन का ध्यान रखा, तो आप अपने पूरे पशु समूह को नई बीमारियों से बचा सकते हैं. यह न केवल पशुओं की भलाई के लिए जरूरी है, बल्कि आपकी मेहनत और निवेश की रक्षा के लिए भी अनिवार्य है.
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