Animal Tips: पशु खरीदने से पहले ज़रूर पढ़ें ये गाइड, वरना हो सकता है भारी नुकसान

Animal Tips: पशु खरीदने से पहले ज़रूर पढ़ें ये गाइड, वरना हो सकता है भारी नुकसान

नया पशु खरीदते समय सावधानी बरतें! जानिए संक्रमण से बचाव, स्वस्थ पशु की पहचान और खरीद के सही तरीके. इन तरीकों का पालन कर आप सही और सटीक फैसला कर सकते हैं.

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Animal Tips: पशु खरीदने से पहले ज़रूर पढ़ें ये गाइड, वरना हो सकता है भारी नुकसानपशुओं को खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

जब भी कोई किसान नया पशु खरीदता है, तो उस पर कई जिम्मेदारियां आ जाती हैं. एक छोटी सी लापरवाही पूरे झुंड को बीमार कर सकती है. नए खरीदे गए पशु के माध्यम से संक्रमण फैल सकता है, जिससे आर्थिक और स्वास्थ्य दोनों तरह का नुकसान हो सकता है. इसलिए, पशु खरीदने से पहले और बाद में कुछ सावधानियों और नियमों का पालन करना बेहद ज़रूरी है.

नीचे दिए गए बिंदुओं में हम आसान भाषा में समझेंगे कि नया पशु खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

1. सही नस्ल का चुनाव

नया पशु खरीदने से पहले, तय करें कि आप किस नस्ल का पशु पालना चाहते हैं. यह निर्णय आपके उपलब्ध संसाधनों और आपके क्षेत्र की जलवायु पर निर्भर करता है. नस्ल चुनते समय, अपने स्थानीय पशु चिकित्सक, कृषि विज्ञान केंद्र या किसान कॉल सेंटर से सलाह लें. वे आपकी जरूरतों और संसाधनों के आधार पर सही नस्ल की सलाह दे सकते हैं.

2. सही जगह से खरीदें पशु

बीमारियों से बचने के लिए पशु की खरीद का सही जगह महत्वपूर्ण है.

  • सरकारी या निजी फार्मों से पशु खरीदें जो नियमित रूप से तपेदिक, ब्रुसेलोसिस, जेडी और आईबीआर जैसी बीमारियों की जांच करते हैं.
  • बाज़ारों या पशु मेलों से पशु खरीदने से बचें, क्योंकि इनसे रोग फैलने का ज़्यादा ख़तरा होता है.
  • सबसे अच्छा तरीका है कि आप सीधे किसान के फार्म से पशु खरीदें, जहाँ आप पशु के रहने की स्थिति और स्वच्छता का निरीक्षण कर सकते हैं.

3. नए पशु की जांच के जरूरी बिंदु

नया पशु खरीदते समय कुछ विशेष लक्षणों पर ध्यान दें जिससे यह पता चल सके कि वह स्वस्थ है या नहीं.

  • आंखें: साफ, चमकदार और बिना किसी पानी या पपड़ी के होनी चाहिए.
  • नाक: ठंडी, नम और नियमित सांस लेने वाली. कोई घरघराहट या खांसी न हो.
  • बाल: साफ, चमकदार और बिना उलझन या चिचड़ों के हों.
  • वजन: नस्ल के अनुसार औसत वजन होना चाहिए. बहुत दुबला या कमजोर पशु न खरीदें.
  • मनोभाव: पशु जिज्ञासु, सतर्क और समूह के साथ हो. अलग-थलग खड़े या चिड़चिड़े पशु से बचें.
  • चाल-चलन: पशु को लंगड़ाहट न हो और वह आसानी से चल सके.
  • थन: थन संतुलित हो, एक तरफ न झुका हो और उस पर उन्नत दुग्ध शिराएं दिखें.

4. पशु का पिछला रिकॉर्ड जानना जरूरी

पशु खरीदने से पहले उसके इतिहास की जानकारी लेना जरूरी है:

  • कितनी बार प्रसव हो चुका है?
  • पिछली बार कितना दूध दिया था?
  • कोई बड़ी बीमारी हुई है क्या? जैसे थनैला, गर्भाशय की समस्या, प्रसव में कठिनाई आदि.
  • इससे आपको भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने में मदद मिलेगी.

5. आयु निर्धारण: दांत देखकर करें पहचान

पशु की आयु जानना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए आप उसके दांत देखकर उम्र का अंदाजा लगा सकते हैं. ज्यादा बूढ़ा पशु खरीदने से उसका उत्पादक जीवन छोटा होगा. इस बारे में भी पशु चिकित्सक की सलाह लेना फायदेमंद रहेगा.

6. पशु का सुरक्षित परिवहन

पशु को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते समय उसे अधिक तनाव न हो, इसका विशेष ध्यान रखें:

  • रास्ते में पीने का पानी और चारा देते रहें.
  • पर्याप्त जगह और आराम दें.
  • गाड़ी में बिछावन जैसे धान का पुआल बिछाकर उसे फिसलने या चोट लगने से बचाएं.
  • अगर पशु को यात्रा में तनाव होगा, तो वह बीमार भी पड़ सकता है. ऐसे में सफर को आरामदायक बनाना जरूरी है.

7. नए पशु की समूह में एंट्री से पहले क्वारंटीन

जब आप नया पशु खरीद लाते हैं, तो तुरंत उसे पुराने पशुओं के साथ न मिलाएं. पहले उसे अलग रखें (क्वारंटीन करें) और कुछ दिन तक उसकी सेहत पर नजर रखें. अगर कोई बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें.

नया पशु खरीदते समय सावधानी और जानकारी, दोनों जरूरी हैं. अगर आपने नस्ल, स्रोत, स्वास्थ्य, आयु और परिवहन का ध्यान रखा, तो आप अपने पूरे पशु समूह को नई बीमारियों से बचा सकते हैं. यह न केवल पशुओं की भलाई के लिए जरूरी है, बल्कि आपकी मेहनत और निवेश की रक्षा के लिए भी अनिवार्य है.

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