Poultry For Egg Production पोल्ट्री फार्मिंग अंडे और चिकन के लिए की जाती है. जिस तरह दोनों प्रोडक्ट अलग-अलग हैं, ठीक उसी तरह से दोनों फार्म में शेड की तैयारी भी अलग-अलग होती है. चिकन के लिए पाले जाने वाले पोल्ट्री शेड में जहां मुर्गों को एक बड़े से हॉल में खुला छोड़ दिया जाता है, वहीं अंडे वाले फार्म में मुर्गियों को पांच से छह की संख्या में छोटे-छोटे केज में रखा जाता है. अंडे के लिए खुलने वाले पोल्ट्री फार्म को लेयर पोल्ट्री फार्म कहा जाता है. लेअर पोल्ट्री फार्म में मुर्गी जितने ज्यादा अंडे देगी उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा.
ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि मुर्गी हर रोज यानि साल के 365 दिन अंडे नहीं देती है. मुर्गी एक साल में कितने अंडे देती है तो आपको बता दें कि एक मुर्गी सालभर में 290 से लेकर 320 अंडे देती है. यही वजह है कि हर एक पोल्ट्री फार्मर इसी कोशिश में रहता है कि उसकी मुर्गी ज्यादा से ज्यादा अंडे दे. वेटेरिनेरियन और पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक पोल्ट्री फार्मर कुछ उपाय अपनाकर मुर्गियों का अंडा उत्पादन बढ़ा सकते हैं.
चूजों को पहले दिन से लेकर ब्रूडिंग के अंत तक स्टार्टर फीड दें.
चूजों के शुरुआती दिनों में उन्हें साफ कागज या कार्डबोर्ड पर फीड खिलाएं.
साढ़े चार महीने की उम्र पर मुर्गी का वजन 1.4 से 1.55 किलोग्राम होना चाहिए.
इंसान हो या पक्षी जितना खुश होगा उतना ही ज्यादा उत्पादन करेगा. इसी तरह चूजों से लेकर मुर्गियों तक को तनाव फ्री रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें अच्छा फीड देने के साथ बीमारियों से से बचाना भी जरूरी है. साथ ही केज में उनके रहने के लिए आरामदायक जगह हो.
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