रोशनी का त्योहार दिवाली नज़दीक है, लेकिन पंजाब के कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र के कई गांवों में अंधेरा छाया हुआ है. हाल ही में आई बाढ़ ने इन गांवों के लोगों से उनके घर, खेत और खुशियां छीन ली हैं. इस बार दिवाली उनके लिए रोशनी नहीं, बल्कि यादों और आंसुओं का त्योहार बन गई है.
रांपुर गौरा गांव के रहने वाले परगट सिंह एक छोटे किसान हैं. उनके पास 1.5 एकड़ जमीन थी और उन्होंने बड़ी मेहनत से एक छोटा सा दो कमरों का घर बनाया था. लेकिन बाढ़ ने सब कुछ बहा दिया.
"मैंने सोचा था कि इस बार धान की फसल काटकर दिवाली पर रिश्तेदारों को बुलाऊंगा, बच्चों के लिए मिठाई और पटाखे लाऊंगा," परगट सिंह ने कहा. "अब तो मेरे घर का बस ढांचा ही बचा है. मेरी तीन बेटियां हैं. हर साल वे नई चीज़ों की फरमाइश करती थीं, लेकिन इस बार वे कुछ नहीं मांगतीं. उन्हें पता है कि अब हमारा घर नहीं रहा. एक पिता के लिए इससे बड़ा दर्द कुछ नहीं कि वह अपनी बच्चियों की मायूसी देखे."
परगट सिंह की कहानी इस गांव के कई और परिवारों की भी है. रांपुर गौरा गांव में नौ परिवारों के घर बाढ़ में पूरी तरह तबाह हो गए. उन्हीं में से एक हैं मेजर सिंह, जिनका एक एकड़ खेत भी बह गया.
"मेरे छोटे बेटे ने पूछा, इस दिवाली क्या लाओगे पापा? मैं क्या जवाब दूं उसे? हमारा घर चला गया, खेत चला गया – अब कुछ नहीं बचा," मेजर सिंह ने कहा, अपने टूटे घर के सामने खड़े होकर.
शाहकोट के मंडाला चन्ना गांव में चार और परिवार बेघर हो चुके हैं. उनके घर जो तटबंध के पास बने थे, बाढ़ के पानी ने सब नष्ट कर दिया. अब ये परिवार अस्थायी शेल्टरों में रह रहे हैं.
गांव की निवासी स्वर्ण कौर ने अपने दर्द को साझा करते हुए कहा, "अब तो यह भी नहीं पता चलता कि कभी यहां हमारा घर था. पानी सब कुछ बहा ले गया. इस साल हमारे लिए कोई दिवाली नहीं होगी."
हर साल दिवाली खुशियों और रौशनी का प्रतीक मानी जाती है. लेकिन इन गांवों के लोगों के लिए इस बार यह एक ऐसी याद बनकर रह गई है जो उन्हें उनके खोए हुए सपनों की याद दिलाती है. सरकार और समाज से अब यही उम्मीद है कि इन परिवारों की मदद के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि अगली दिवाली उनके जीवन में फिर से उजाला लेकर आए.
बाढ़ से प्रभावित इन गांवों की हालत दिल दहला देने वाली है. जब हम अपने घरों में रोशनी से दिवाली मना रहे होंगे, तब कोई अपने टूटे घर के कोने में अंधेरे के साथ बैठा होगा. आइए, इस बार दिवाली पर किसी जरूरतमंद के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें.
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