Green Fodder for Goat: बकरी के बच्चों को जरूर खि‍लाएं ये हरा चारा, जल्दी-जल्दी नहीं पड़ेंगे बीमार 

Green Fodder for Goat: बकरी के बच्चों को जरूर खि‍लाएं ये हरा चारा, जल्दी-जल्दी नहीं पड़ेंगे बीमार 

Green Fodder for Goat आप बकरे और बकरियों को फार्म में पालते हैं. उन्हें खुले मैदान और जंगल में चरने का मौका नहीं मिल पाता है, तो उनकी रोजाना की खुराक में नीम, अमरुद, जामुन, मोरिंगा आदि पेड़-पौधे की पत्तियां जरूर शामिल करें. इसे खि‍लाने से बीमारियां बकरियों के आसपास नहीं फटकती हैं. वहीं बच्चों को नीम गिलोय खि‍ला सकते हैं. 

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Green Fodder for Goat: बकरी के बच्चों को जरूर खि‍लाएं ये हरा चारा, जल्दी-जल्दी नहीं पड़ेंगे बीमार बकरी का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-किसान तक

Green Fodder for Goat बहुत सारे पेड़-पौधे और बेल ऐसी हैं जिनके पत्ते सिर्फ चारे ही नहीं दवाई का काम भी करते हैं. गोट एक्सपर्ट का दावा है कि अगर वक्त पर हर हरे चारे को बकरी और उनके बच्चे खाते रहें तो जल्दी-जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे. कई सारी बीमारियां भी दूर रहेंगी. जरूरत बस इतनी है कि रोजाना की खुराक में जरूरत के हिसाब से इन्हें शामिल कर लिया जाए. हालांकि बकरी एक ऐसा फार्म एनिमल है जो बीमार होने पर जरूरत के मुताबिक उस पेड़-पौधे की पत्तियों को खुद ही खा लेता है. 

लेकिन खासतौर पर जहां बकरियां फार्म में पाली जाती हैं और उन्हें खुले में चरने का मौका नहीं मिल पाता है, वहां ये खास हरा चारा अपने हाथ से बकरियों को खि‍लाना चाहिए. ऐसे पेड़-पौधे और बेल में नीम, अमरुद, जामुन, मोरिंगा और नीम गिलोय शामिल है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थानन (सीआईआरजी), मथुरा ने इस चारे की दवाईयां भी बनाई हैं. बाजार में कई कंपनियां इन दवाईयों को बेच रही हैं. वहीं खुद सीआईआरजी में भी यह दवाई उचित दाम पर मिल जाती हैं. 

बकरे-बकरियों की रुकी ग्रोथ को रोकता है ये हरा चारा 

सीआईआरजी के गोट एक्सपर्ट का कहना है कि अमरुद,नीम और मोरिंगा में टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है. अगर वक्त पर हम तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां बकरियों को खिलाते हैं तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. पेट में कीड़े होना बकरे और बकरियों में बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है. पेट में अगर कीड़े होंगे तो उसके चलते बकरे और बकरियों की ग्रोथ नहीं हो पाएगी. पशुपालक जितना भी बकरे और बकरियों को खिलाएगा वो उनके शरीर को नहीं लगेगा. खासतौर पर जो लोग बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना होगा. 

नीम गिलोय खि‍लाने से बढ़ती है इम्यूनिटी

गोट एक्सपर्ट का कहना है कि अगर हम खुले मैदान में या फिर किसी जंगल में जाएं तो हमे नीम गिलोय दिख जाएगा. यह नीम के पेड़ पर ही पाया जाता है. शायद इसीलिए इसे नीम गिलोय भी कहा जाता है. स्वाद में यह कड़वा होता है. अगर हम नीम गिलोय की पत्तियां बकरी के बच्चों को खिलाएं तो उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत आ जाएगी. यह बच्चे जल्द  ही बीमार भी नहीं पड़ेंगे. जिसके चलते पशुपालक बकरियों की मृत्य दर को कम कर सकेंगे. यह हम सभी जानते हैं कि बकरी पालन में सबसे ज्यादा नुकसान बकरी के बच्चों की मृत्य दर से ही होता है. 

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