Binjharpuri Cow: गाय की देसी नस्ल बिंझारपुरी देती है बंपर दूध, जानें- पहचान और विशेषताएं 

Binjharpuri Cow: गाय की देसी नस्ल बिंझारपुरी देती है बंपर दूध, जानें- पहचान और विशेषताएं 

Binjharpuri Cow Dairy Farming: बिंझारपुरी एक दोहरे उद्देश्य वाली नस्ल है. इस नस्ल को "देशी" के नाम से भी जाना जाता है. उड़ीसा में जाजपुर, भद्रक और केंद्रपाड़ा जिले के अधिकांश छोटे और भूमिहीन किसान इन मवेशियों के गुणों के कारण पालते हैं. एनडीडीबी के अनुसार बिंझारपुरी नस्ल की गाय एक ब्यान्त में अधिकतम 1350 लीटर तक दूध देती है. जबकि औसतन न्यूनतम एक ब्यान्त में 915 लीटर तक दूध देती है.

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Binjharpuri Cow: गाय की देसी नस्ल बिंझारपुरी देती है बंपर दूध, जानें- पहचान और विशेषताएं बिंझारपुरी गाय की पहचान और विशेषताएं, सांकेतिक तस्वीर

Binjharpuri Cow Dairy Farming: बिंझारपुरी एक दोहरे उद्देश्य वाली नस्ल है, जो उड़ीसा के जाजपुर जिले के बिंझारपुर क्षेत्र की मूल निवासी है. इस नस्ल को "देशी" के नाम से भी जाना जाता है. ये मवेशी मुख्य रूप से जाजपुर जिले के बिंझारपुर, बारी, सुजानपुर और दशरथपुर क्षेत्र में पाए जाते हैं. इसके अलावा, भद्रक और केंद्रपाड़ा जिलों में भी पाए जाते हैं. बिंझारपुरी नस्ल के मवेशियों को दूध और खाद के साथ-साथ माल ढोने के मकसद से भी पाला जाता है. ये मवेशी गर्मी और सूखा सहनशील होते हैं. साथ ही कृषि कार्यों में बहुत सक्रिय होते हैं. उड़ीसा में जाजपुर, भद्रक और केंद्रपाड़ा जिले के अधिकांश छोटे और भूमिहीन किसान इन मवेशियों के गुणों के कारण पालते हैं. 

बिंझारपुरी नस्ल के मवेशियों को 'कच्चे' फर्श वाली फूस की छत से बने शेड में रखा जाता है. शेड की दीवारें बांस की डंडियों, ताड़ या नारियल के पत्तों से बनी होती हैं, जिससे शेड अच्छी तरह हवादार हो जाते हैं. अगर दूध देने की क्षमता की बात करें तो एनडीडीबी के अनुसार बिंझारपुरी नस्ल की गाय एक ब्यान्त में अधिकतम 1350 लीटर तक दूध देती है. जबकि औसतन न्यूनतम एक ब्यान्त में 915 लीटर तक दूध देती है. ऐसे में आइए बिंझारपुरी गाय की पहचान और विशेषताएं जानते हैं-  

बिंझारपुरी गाय की पहचान और विशेषताएं 
बिंझारपुरी गाय की पहचान और विशेषताएं 

बिंझारपुरी गाय की पहचान और विशेषताएं 

•    बिंझारपुरी गाय मध्यम आकार की और मजबूत होती है.
•    गाय की औसतन ऊंचाई 107.3 सेमी. होती है, जबकि बैलों की ऊंचाई 124.4 सेमी. होती है.
•    गायें सुडौल और सुंदर होती हैं जबकि बैल हृष्ट-पुष्ट होते हैं.
•    ये मवेशी सफेद, भूरे, काले और भूरे रंग में पाए जाते हैं, जिनके माथे, अंगों और पूंछ पर सफेद निशान होते हैं.
•    पलकें, गर्दन, थूथन और खुर काले रंग के होते हैं. बैलों में कूबड़, गर्दन और चेहरे और पीठ के कुछ क्षेत्र काले होते हैं.
•    हल्के भूरे या भूरे रंग के बछड़े बड़े होने पर सफेद रंग के हो जाते हैं.
•    सिर सीधा और मध्यम आकार का होता है.
•    कान छोटे होते हैं.
•    सींग मध्यम आकार के होते हैं, और ऊपर और अंदर की ओर मुड़े होते हैं.
•    थन कटोरे के आकार का और मध्यम आकार का होता है.
•    दूध की नस उभरी हुई लेकिन दिखने में मध्यम होती है.

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•    बैलों की शरीर की लंबाई औसतन 126.32 सेमी. और गायों की 115.1 सेमी. होती है.
•    बैल के शरीर का वजन औसतन 250-300 किलोग्राम और गाय का वजन 200-250 किलोग्राम होता है.
•    बिंझारपुरी नस्ल की गाय एक ब्यान्त में अधिकतम 1350 लीटर तक दूध देती है.
•    औसतन न्यूनतम एक ब्यान्त में 915 लीटर तक दूध देती है.
•    दूध में वसा 4.3 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत के बीच होती है.
•    प्रथम ब्यांत के समय औसत आयु 3 से 3.5 वर्ष होती है.
•    इस नस्ल का ब्यांत अंतराल 1 से 1.25 वर्ष होता है.

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