गांवों में छोटे और सीमांत किसानों के बीच भैंस पालन बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. क्योंकि भैंस पालन करोड़ों किसानों के लिए आजीविका का मुख्य साधन बन गया है. ये किसान दूध और इससे बने उत्पाद बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी सीमांत किसानों को भैंस पालन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. इसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. लेकिन बहुत से किसानों को इसके बावजूद भी भैंस पालन में आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि उन्हें ज्यादा दूध देने वाली भैंसों की नस्ल की जानकारी नहीं है. ऐसे में आज हम भैंस की एक ऐसी नस्ल के बारे में बात करेंगे, जिसका पालन करने पर किसानों को अच्छी कमाई होगी, क्योंकि इसका दूध बहुत महंगा बिकता है.
ऐसे आमतौर पर भैंस का दूध गाढ़ा होता है. इसमें फैट भी बहुत अधिक होता है. यही वजह है कि भैंस के दूध से घी गाय के मुकाबले ज्यादा निकलता है. लेकिन भदावरी भैंस की एक ऐसी नस्ल है, जिसके दूध में फैट की मात्रा 14 से 18 प्रतिशत होती है. इसके चलते भदावरी भैंस का दूध भी अन्य नस्ल की भैंस के मुकाबले बहुत अधिक महंगा बिकता है. ऐसे इस भैंस का मूल स्थान राजस्थान है. हालांकि, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी इसका पालन किया जा रहा है.
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भदावरी नस्ल की भैंस का पालन आगरा जिले के भदावर गांव में सबसे अधिक किया जा रहा है. इसके अलावा यमुना और चंबल इलाकों में किसान भदावरी नस्ल भैंस का पालन कर रहे हैं. इस भैंस का वजन 350 से 400 किलो के बीच होता है. भदावरी नस्ल की भैंस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी मौसम और जलवायु में रह सकती है. क्योंकि इस नस्ल की भैंसें जलवायु के हिसाब से अपने शरीर को ढाल लेती हैं. अगर आप घी का बिजनेस करना चाहते हैं, तो आपके लिए इस नस्ल की भैंस पालना अच्छा रहेगा. भदावरी नस्ल की भैंस के दूध में फैट की मात्रा अधिक होने के चलते घी भी ज्यादा निकलता है. इसलिए बिजनेस के हिसाब से यह भैंस बहुत ही शानदार है.
सबसे बड़ी बात यह है कि इस भैंस का आहार भी बहुत कम है. ऐसे में इसके आहार के ऊपर खर्च भी कम करने पड़ेंगे. वहीं, इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है. इसलिए इसके बीमार पड़ने की संभावना भी कम रहती है. यही वजह है कि यह किसी भी परिस्थितियों में आसानी से जीवित रहती है. वहीं, दूध देने में भी यह पीछे नहीं है. इस नस्ल की भैंसें रोजाना 6 से 8 लीटर तक दूध देती हैं. एक्सपर्ट की माने तो यह भैंस एक ब्यांत में औसतन 1300-1500 लीटर दूध देती है. हालांकि, अगर इसे पौष्टिक आहार देते हैं, तो ज्यादा भी दूध दे सकती है.
भदावरी भैंस का वजन कम और आकार छोटा होता है. इसलिए सीमांत और छोटी जोत वाले किसानों के बीच यह काफी तेजी से लोकप्रिय हो रही है. क्योंकि इसके पालने पर खर्च भी कम होते हैं. हालांकि, इसे साफ-सफाई बहुत पसंद हैं. इसलिए इसके शेड में साफ-सफाई रखनी चाहिए. ऐसे भदावरी भैंस की कीमत करीब 60 से 80 हजार रुपये है.
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