Goat Farming: जून तक बकरी को गाभि‍न कराने से पहले ब्रीडर बकरे के बारे में जरूर पता करें ये बात 

Goat Farming: जून तक बकरी को गाभि‍न कराने से पहले ब्रीडर बकरे के बारे में जरूर पता करें ये बात 

Goat Breeding बकरी के बच्चों की मृत्यु दर कम हो जाए. बच्चा हेल्दी हो ओर बीमारियों की चपेट में न आए. साथ ही बकरी भी बच्चा देने के बाद हेल्दी रहे और खूब उत्पादन करे. इसके लिए जरूरी है कि साइंटीफिक तरीके से बकरी को गाभि‍न कराया जाए. कृत्रिम गर्भाधान कराने से पहले ब्रीडर बकरे के बारे में पूरी जानकारी कर ली जाए. 

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Goat Farming: जून तक बकरी को गाभि‍न कराने से पहले ब्रीडर बकरे के बारे में जरूर पता करें ये बात ब्रीडर बकरा.

Goat Breeding केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के मुताबिक साइंटीफिक तरीके से बकरी को गाभि‍न कराने के कई बड़े फायदे हैं. क्योंकि बकरी के बच्चों से ही ज्यादा मुनाफा होता है और बच्चा देने के बाद ही बकरी दूध भी देती है. लेकिन बच्चों से मुनाफा तब होगा जब वो चार से पांच महीने की उम्र तक पहुंच जाएंगे. इसीलिए साइंटिस्ट सलाह देते हैं कि बकरी से बच्चे कब पैदा कराए जाएं. क्योंकि गोट एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी के बच्चों की सबसे ज्यादा मौत पैदा होते ही मौसम के चलते होती है. भीषण गर्मी और कड़ाके की ठंड बच्चों के लिए जानलेवा होती है. यही वजह है कि एक्सपर्ट अप्रैल से लेकर जून तक बकरी को गाभि‍न कराने की सलाह देते हैं. 

क्योंकि इस दौरान गाभि‍न होने वाली बकरी अक्टूबर-नंवबर में बच्चा देगी. ये वो मौसम है जब सर्दी ज्यादा नहीं होती है. लेकिन ये भी जरूरी है कि जब बकरी को गाभि‍न कराने के लिए ले जाएं तो उससे पहले ब्रीडर बकरे के बारे में कुछ खास बातें जरूर जान लें. क्योंकि, अगर इन बातों का ख्याल नहीं रखा तो बकरी का होने वाला बच्चा बीमार और कमजोर हो सकता है. जैसे ही बकरी हीट में आ जाए तो 24 से 30 घंटे के अंदर उसे गाभि‍न करा दें.

ब्रीडर बकरे की नस्ल के बारे में ऐसे करें पहचान  

गोट एक्सपर्ट और सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट एमके सिंह का कहना है कि ब्रीडर बकरा आपके अपने गोट फार्म हाउस का हो या किसी और का, लेकिन इस बात की तस्दीक कर लेना बहुत जरूरी है कि ब्रीडर उस प्योर नस्ल का है या नहीं जिस नस्ल की बकरी है. वहीं इस बात की जांच भी कर लें कि ब्रीड के मुताबिक ब्रीडर बकरे में उसकी नस्ल के सारे गुण हैं कि नहीं. जैसे उसका रंग, उसकी हाइट, उसका वजन, उसके कान और शरीर की बनावट. 

बकरे के मां-बाप के बारे में पहले से पता करें ये बातें  

एमके सिंह बताते हैं कि ब्रीडर बकरे की फैमिली क्वालिटी से मतलब यह है कि जो ब्रीडर की मां है वो दूध कितना देती थी. उस बकरी से एक बार में कितने बच्चे होते थे. इतना ही नहीं जब ब्रीडर पैदा हुआ था तो उस वक्त कितने बच्चे दिए थे. ब्रीडर के पिता की हाइट कितनी थी. पिता की ग्रोथ रेट कैसी थी. ब्रीडर के दूसरे भाई-बहन कैसे हैं.

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