Artificial Insemination: गाय-भैंस को कृत्रिम गर्भाधान कराने से पहले इन लक्षणों पर दें ध्यान, जानें कैसे

Artificial Insemination: गाय-भैंस को कृत्रिम गर्भाधान कराने से पहले इन लक्षणों पर दें ध्यान, जानें कैसे

अब बड़े पशु गाय-भैंस को गाभि‍न कराने के लिए ही कृत्रिम गर्भाधान (एआई) की मदद नहीं ली जा रही, बल्किआ छोटे पशु जैसे भेड़-बकरी को भी एआई की मदद से गाभि‍न किया जा रहा है. सरकार की कोशि‍शों के चलते एआई को लेकर पशुपालकों में जागरुकता आ रही है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत एआई को बढ़ावा दिया जा रहा है. 

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Artificial Insemination: गाय-भैंस को कृत्रिम गर्भाधान कराने से पहले इन लक्षणों पर दें ध्यान, जानें कैसेसेक्स सॉर्टेड सीमेन

अब ज्यादातर पशुपालक गाय हो या भैंस उसे गाभि‍न कराने के लिए प्राकृतिक तरीके से ज्यादा कृत्रिम गर्भाधान (एआई) के तरीके को अपना रहे हैं. इतना ही नहीं पशु नस्ल सुधार और दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारें भी एआई को बढ़ावा दे रही हैं. लेकिन, एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक एआई कराने के लिए पहले ये जान लेना जरूरी है कि पशु पूरी तरह से हीट में आया है या नहीं. हालांकि ये कोई मुश्कि ल काम भी नहीं है. जरूरत है बस उन दिनों में अलर्ट रहने की जब पशु के हीट में आने की संभावना हो. 

क्योंकि एआई की सफलता दर इस बात पर भी निर्भर करती है कि पशु की हीट के दौरान ही उसका एआई किया जा रहा है. एआई से पहले वीर्य की क्वालिटी के बारे में भी जान लेना जरूरी होता है. इसके लिए एआई टेक्नीशि‍यन के पास मौजूद सांड के दस्तावेज और सांड के कान में लगे इयर टैग की मदद ली जा सकती है. 

ऐसे पता करें पशु हीट में है या नहीं 

  • माउंटिंग के लिए दूसरे पशुओं की ओर बढ़ना और खड़े होना. 
  • योनि (वल्व) में सूजन आना और  बार-बार पेशाब करना. 
  • बेचैनी और बेलोइंग (चिल्लाना) भी हीट में आने के लक्षण हैं. 
  • सर्वाइकल म्युकस डिस्चार्ज की लंबी और साफ लड़ी (स्टैंड) योनि से लटकती है. 
  • हीट में आने पर पशु खाना कम कर देता है. 
  • हीट में आने वाले पशु का दूध उत्पादन कम होने लगता है. 
  • हीट में आते ही पशु को 12 घंटे के अंदर गर्भाधान करा देना चाहिए. 
  • सुबह के समय गर्मी में आए तो शाम को गर्भाधान करा दें. 
  • पशु शाम को हीट में आए तो अगली सुबह तक गर्भाधान करना चाहिए. 

ए-बी सीमन सेंटर की स्ट्रॉ से ही कराएं एआई 

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि वीर्य की क्वालिटी का पता लगाने के लिए सबसे पहले स्ट्रॉ पर हमे ये देखना चाहिए कि जहां से वो स्ट्रॉ आई है उस पर ए या बी ग्रेड लिखा हो. एआई टेक्नीशि‍यन के पास बुल से जुड़ी जानकारी होती है उसे भी देख सकते हैं. साथ ही बुल के कान में लगे इयर टैग नंबर से भी क्वालिटी पता की जा सकती है.

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