डेयरी और पशुपालन में कुछ अलग हटकर काम करने के लिए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों का ऐलान किया जाता है. हर साल ये पुरस्कार व्यक्तिेगत पशुपालक, कोऑपरेटिव, डेयरी फार्म और टेक्नोलॉजी के लिए दिया जाता है. साल 2024 के पुरस्कारों का ऐलान भी हो चुका है. पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय पुरस्कारों की घोषणा करता है. पुरस्कारों के तहत पांच लाख से लेकर एक लाख रुपये तक दिए जाते हैं. मंत्रालय की ओर से जारी हुई लिस्ट के मुताबिक देशभर में कुल 15 लोगों को गोपाल रत्न पुरस्कार दिए जाएंगे. 26 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री सभी को ये पुरस्कार देंगे. इस बार के गोपाल रत्न पुरस्कारों में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अलग से एक खास कैटेगिरी जोड़ी गई है. इसका मकसद इस क्षेत्र में डेयरी विकास को बढ़ावा देना है.
पुरस्कार में प्रथम स्थान के लिए पांच लाख रुपये, द्वितीय स्थान के लिए तीन लाख रुपये, तृतीय स्थान के लिए दो लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष पुरस्कार के तहत दो लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. कुल 2574 आवेदनों के बीच से 15 लोगों का चुनाव किया गया है.
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राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार देशी पशुओं को पालने वाले किसानों, कृत्रिम गर्भाधान (एआई) तकनीशियनों, पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में काम करने वालीं डेयरी सहकारी समितियों, दूध उत्पादक कंपनी, डेयरी किसान उत्पादक संगठनों (DFPO) को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के मकसद से दिए जाते हैं. यह पुरस्कार तीन कैटेगिरी में दिए जाते हैं.
स्वदेशी मवेशी, भैंस की नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
NER के लिए खास कैटेगिरी में
सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति, दुग्ध उत्पादक कंपनी, डेयरी किसान उत्पादक संगठन
दो प्रथम पुरस्कार
NER के लिए खास कैटेगिरी में
कामधेनु दुग्ध उत्पादक समबाय समिति लिमिटेड नित्यानंद, बजाली, असम.
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सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)
दो प्रथम पुरस्कार
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