मछली पालन और जलीय खेती के मामले में आंध्र प्रदेश देश का नंबर 1 राज्य है. देश में कुल मछली पालन और जलीय खेती में इसकी हिस्सेदारी 40.9 फीसदी है. इसके बाद पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार का स्थान आता है. अखिल भारतीय मछली उत्पादन में पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की गई है. साल 2011-12 में मछली उत्पादन में पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी 24.6 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में घटकर 14.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है. हालांकि, ओडिशा और बिहार ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मछली और जलीय कृषि उप-क्षेत्र का उत्पादन 2011-12 में लगभग 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में लगभग 1,95,000 करोड़ रुपये हो गया. इसी तरह पशुपालन में देश आगे बढ़ रहा है. यही वजह है कि भारत में दूध का उत्पादन समय के साथ-साथ बढ़ रहा है. पशुधन उत्पादन 2011-12 से 2022-23 के बीच लगातार बढ़ा है. इस अवधि के दौरान, दूध, मांस और अंडे के उत्पादन में भी वृद्धि का रुझान दर्ज किया गया.
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आंकड़ों से पता चलता है कि पशुधन उप-क्षेत्र के उत्पादन में दूध, मांस और अंडों की हिस्सेदारी 2022-23 में क्रमशः 66.5 प्रतिशत, 23.6 प्रतिशत और 3.7 प्रतिशत थी, जबकि आधार वर्ष 2011-12 में यह क्रमशः 67.2 प्रतिशत, 19.7 प्रतिशत और 3.4 प्रतिशत थी. उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने पशुधन उप-क्षेत्र के उत्पादन में लगभग एक चौथाई हिस्सा लिया, जबकि इस अवधि के दौरान तमिलनाडु का उत्पादन तेजी से बढ़ा है.
इसी तरह साल 2011-12 में चीनी के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 41 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में बढ़कर पूरे भारत में चीनी फसलों के उत्पादन के आधे से अधिक हो गई. महाराष्ट्र 19 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा, उसके बाद कर्नाटक 8.9 फीसदी, तमिलनाडु 3.9 फीसदी, बिहार 3.3 फीलदी रहा. शेष राज्यों की हिस्सेदारी 11.4 फीसदी रही.
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जब फलों की बात आती है, तो साल 2022-23 में उत्पादन के मूल्य के मामले में केले ने आम को पीछे छोड़ दिया. केले की हिस्सेदारी 10.9 फीसदी थी, इसके बाद आम की हिस्सेदारी 10 फीसदी थी. 2022-23 के दौरान सब्जियों में, आलू और प्याज ने मिलकर सबसे अधिक उत्पादन में योगदान दिया, जो समूह के लगभग 15 प्रतिशत उत्पादन के लिए जिम्मेदार था. फूलों की खेती में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान था. आंकड़ों से पता चला है कि कृषि, वानिकी और मछली पालन ने 2022-23 में मौजूदा कीमतों पर सकल मूल्य वर्धन का 18.2 प्रतिशत हिस्सा लिया.
भारत कृषि योग्य भूमि (155.37 मिलियन हेक्टेयर) में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है. अनाज के उत्पादन में तीसरा और मूंगफली, फल, सब्जियां, गन्ना, चाय और जूट में दूसरे स्थान पर है. 2020 की नवीनतम उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यह दुनिया में मुर्गियों की आबादी के मामले में सातवें स्थान पर है. यह दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है. अंडों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर और मांस के उत्पादन में पांचवें स्थान पर है.
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