
बिहार की राजधानी पटना में पहली बार तीन दिवसीय बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो-2023 का आयोजन किया गया. इसका विधिवत उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया.इस आयोजन से राज्य के पशुपालकों को डेयरी और उन्नत नस्ल के गाय और भैंसों के बारे में जानकारी मिली. वहीं इस मेले में हरियाणा से आए दस करोड़ रुपये के मुर्रा नस्ल का भैंसा गोलू-2 की चर्चा हो रही है. बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम को लेकर कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने किसान तक को बताया कि पशुपालन को लेकर जो इमेज है, वह बदल गया है. इसके साथ ही राज्य का दूसरा चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, किशनगंज का शुभारंभ मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया. यहां अब Bachelor of Veterinary Science and Animal Husbandry की पढ़ाई शुरू हो गई है.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किशनगंज वेटनरी कॉलेज के शुभारंभ के अलावा रिमोट के माध्यम से 239.96 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित कॉम्फेड पटना के पांच डेयरी संयंत्रों सहित 172.76 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित अन्य उपस्करों का उद्घाटन किया गया. इसके साथ दुग्ध संघों को 10.50 करोड़ रुपये के चेक प्रदान किया. वहीं पटना कॉम्फेड के कार्यालय परिसर में निर्मित होने वाले नए कार्यालय भवन एवं मत्स्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, मीठापुर, पटना में निर्मित होने वाले मत्स्य विकास भवन का शिलान्यास किया.
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बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सिंह ने "बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो 2023 के आयोजन को लेकर बताया कि इस तरह के आयोजन होने से किसानों में काफी खुशी देखने की मिल रही है. हमारी अपेक्षा से ज़्यादा लोग आए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का आयोजन होना चाहिए. आगे कुलपति ने कहा कि तीन दिनों के दौरान किसानों को पशुपालन और डेयरी सहित ब्रीड से जुड़े सभी तरह के प्रश्नों का जवाब दिया जाएगा. वहीं वेटनरी कॉलेज के डीन डॉ जे. के प्रसाद ने बताया कि इस मेले में कई ब्रीड के जानवर आए हुए हैं. इस कार्यक्रम के बाद लोगों में ब्रीड के क्षेत्र में रुझान बढ़ेगा. साथ ही बेहतर ब्रीड की गाय और भैंस तैयार होने से पशुओं के दाम में भी बढ़ोतरी होगी.
कैटल एक्सपो में पानीपत के हरियाणा से मशहूर मुर्रा नस्ल का भैंसा "गोलू-2" लाया गया है जो मेले में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसका सीमन (फॉर आर्टिफिशियल इन्सेमिनेशन) हर साल 15 लाख में बिकता है. इसके मालिक पद्मश्री नरेंद्र सिंह कहते हैं कि इस भैंसे की कीमत दस करोड़ रुपये भी कम है. इसका कोई मूल्य नहीं है. गोलू भैंसे का वजन करीब पंद्रह क्विंटल के आसपास है. इसका उम्र छह साल के आसपास है. इसके साथ ही इसी नस्ल का दूसरा भैंसा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से सुरेंद्र यादव लेकर आए हैं. इसकी कीमत पांच करोड़ के आसपास बताई जा रही है. इनके भैंसे का उम्र दो साल के आसपास है.
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एक्सपो का आयोजन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, कॉम्फेड और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. देसी और विदेशी, संकर नस्ल की गायों के लिए दुधारू गायों की प्रतियोगिता आयोजित की गई है, जिसमें सर्वाधिक दूध देने वाली गायों को पुरस्कृत किया जाएगा. इस एक्सपो में किसानों को गुणवत्तापूर्ण पशु आहार बनाने के विषय में जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा देश में पशुधन की उचित देखभाल, फार्म प्रबंधन, उत्पाद निर्माण, पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन इत्यादि से संबंधित उपकरणों, दवाओं और अन्य सेवाओं की प्रदर्शनी और प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है. इसमें लगभग 50 कंपनियां भाग ले रही हैं.
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