मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक बार फिर पंजाब में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. चंडीगढ़ स्थित मौसम केंद्र ने पंजाब के लिए अगले दो दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी और अलर्ट जारी किया. यह अलर्ट ऐसे समय में आया है जब राज्य हाल ही में आई बाढ़ की त्रासदी से उबरने की कोशिशें कर रहा है. पंजाब ने अगस्त-सितंबर में इतिहास की सबसे भयावह बाढ़ का सामना किया था, जिसमें 59 लोगों की जान गई, हजारों पशु मारे गए, हजारों घर क्षतिग्रस्त हुए और लगभग 5 लाख एकड़ में फसल नष्ट हो गई. ऐसे में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का आगामी दिनों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के लिए चिंता का सबब बन गया है.
आईएमडी के अनुसार 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर के बीच, पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य में 40–50 किमी/घंटा की तेज हवाएं चलने, भारी बारिश और कुछ जगहों पर ओले गिरने की संभावना है. भारी बारिश और मौसम की स्थिति को देखते हुए, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने तलवाड़ा (होशियारपुर) स्थित पोंग डैम के सभी छह फ्लडगेट खोल दिए, जिससे करीब 50,000 क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा गया. रंजीत सागर डैम में गुरुवार से फ्लडगेट एक मीटर तक खोले गए हैं, जिससे 36,000 क्यूसेक पानी रावी नदी में छोड़ा गया.
जानकारी मिली है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के शीर्ष अधिकारी भी अपनी मीटिंग शुरू कर चुके हैं और रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इस रणनीति के तहत राज्य सरकार ने रंजीत सागर बांध के जलाशय से अधिक पानी छोड़ना शुरू कर दिया है, ताकि बांध में जल स्तर खतरे के स्तर से काफी नीचे रखा जा सके. इसका मसद यह है कि आगामी भारी बारिश (6-7 अक्टूबर) के दौरान बांध में बढ़े हुए पानी के प्रवाह के कारण अचानक नदी में पानी छोड़ने की नौबत न आए, जिससे पंजाब के निचले मैदानों में फिर से बाढ़ की स्थिति पैदा हो सके.
जिलों में प्रशासन सतर्क है और लोगों को नदियों के किनारे जाने से बचने की सलाह दी गई है. नंगल (रुपनगर) स्थित भाखड़ा डैम में फिलहाल फ्लडगेट बंद हैं. बीबीएमबी वीकएंड में स्थिति का पुनर्मूल्यांकन कर किसी निर्णय पर पहुंचेगा. पंजाब से सटे हरियाणा के जिलों में भी बारिश की आशंका जताई गई है. हालांकि चंडीगढ़ की सुकना झील से आने वाले नजारे ये भी बता रहे हैं कि लोग ठंडी हवा और मौसम में गिरावट का आनंद ले रहे हैं. फिर भी प्रशासन सतर्क है क्योंकि पंजाब में हाल ही में बाढ़ ने 59 लोगों की जान ले ली थी, 4 लाख लोगों को प्रभावित किया और 4 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा.
यह भी पढ़ें-