Monsoon Rain: देश में कहां क्या है बारिश की स्थिति, जानिए कहां सूखा और कहां आई बाढ़

Monsoon Rain: देश में कहां क्या है बारिश की स्थिति, जानिए कहां सूखा और कहां आई बाढ़

सूखाग्रस्त इलाकों की बात करें तो इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश (-28%), बिहार (-23%), झारखंड (27%), गंगाई पश्चिम बंगाल (-24%), नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा (-26%), केरला (-38%) के नाम हैं. अगर अति भारी बारिश वाले राज्यों की बात करें तो इस श्रेणी में हिमाचल प्रदेश (20%), पश्चिम राजस्थान (42%) और सौराष्ट्र, कच्छ और दीव (48%) के नाम हैं.

देश के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना हैदेश के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 29, 2023,
  • Updated Sep 29, 2023, 4:19 PM IST

देश में घनघोर बारिश होने के बावजूद कई इलाके ऐसे हैं जहां सूखे की मार पड़ रही है. ये स्थिति तब है जब मॉनसून वापसी की राह पर है और कई इलाकों से यह लौट भी चुका है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि देश का कौन सा इलाका सूखाग्रस्त है और कहां अच्छी बारिश दर्ज की जा रही है. हम यह भी जानेंगे कि कहां अधिक बारिश है और कहां सामान्य वर्षा दर्ज की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD के एक आंकड़े से स्पष्ट है कि देश के अधिकांश इलाकों में सामान्य बारिश हुई है जबकि अत्यधिक और सूखाग्रस्त इलाके कम हैं.

सबसे पहले सामान्य बारिश वाली जगहों की बात कर लेते हैं. सामान्य बारिश की मात्रा को -19 से 19 परसेंट बारिश को दर्ज किया जाता है. इसमें जम्मू कश्मीर (5%), पंजाब (-5%), उत्तराखंड (4%), हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली (-1%), पश्चिम यूपी (4%), सब हिमालयन बंगाल और सिक्किम (6%), असम और मेघालय (-18%), अरुणाचल प्रदेश (-12%), पूरी राजस्थान, गुजरात और दमन (-2%), पश्चिम मध्य प्रदेश (4%), पूर्वी मध्य प्रदेश (-4%), छत्तीसगढ़ (-7%), ओडिशा (-3%), मराठवाड़ा (-5%), मध्य महाराष्ट्र (-13%), कोंकण गोवा (10%), उत्तर आंतरिक कर्नाटक (-10%), तमिलनाडु और पुडुचेरी (10%), रायलसीमा (-14%), तेलंगाना (15%), विदर्भ (-2%), तटीय आंध्र प्रदेश (-3%) के नाम हैं.

कहां कितनी बारिश

सूखाग्रस्त इलाकों की बात करें तो इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश (-28%), बिहार (-23%), झारखंड (27%), गंगाई पश्चिम बंगाल (-24%), नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा (-26%), केरला (-38%) के नाम हैं. अगर अति भारी बारिश वाले राज्यों की बात करें तो इस श्रेणी में हिमाचल प्रदेश (20%), पश्चिम राजस्थान (42%) और सौराष्ट्र, कच्छ और दीव (48%) के नाम हैं. 

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दूसरी ओर, उत्तरी तटीय कर्नाटक और पड़ोस राज्यों के ऊपर चक्रवाती सर्कुलेशन के प्रभाव के तहत, दक्षिण कोंकण-गोवा तटों से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. यह चक्रवाती सर्कुलेशन औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके उसी क्षेत्र में अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र बनने और अगले 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है.

म्यांमार और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवाती सर्कुलेशन के प्रभाव से, पूर्वोत्तर और इससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. चक्रवाती सर्कुलेशन औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसके अगले 48 घंटों के दौरान अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र बनने और उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तरी ओडिशा और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों की ओर बढ़ने की संभावना है.

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