बंगाल की खाड़ी में अगले 24 घंटे में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने कहा है कि इससे पूर्वी भारत के कई क्षेत्रों में 29 सितंबर से बारिश का नया दौर शुरू होगा. दूसरी ओर, उत्तर पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्य भारत के इलाकों से मॉनसून की वापसी अगले दो-तीन दिन तक जारी रहेगी. आईएमडी के मुताबिक, गुरुवार को म्यांमार की खाड़ी और बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया है जिससे बारिश की संभावना प्रबल हो गई है.
साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव में ओडिशा और बंगाल के आसपास एक लो प्रेशर एरिया बनेगा जो आगे की तरफ बढ़ते हुए तेज होगा. इससे पूर्वी भारत के कई स्थानों पर 29 तारीख से बारिश का एक नया दौर देखा जा सकता है. नए पूर्वानुमान के मुताबिक, अंडमान निकोबार में एक अक्टूबर, ओडिशा में 29 सितंबर से एक अक्टूबर, बंगाल के गंगाई इलाके में 29 और 30 सितंबर, झारखंड में 30 सितंबर से दो अक्टूबर और बिहार में दो अक्टूबर तक कुछ स्थानों पर हल्की तो कुछ जगहों पर भारी से अति भारी बारिश देखी जा सकती है.
लो प्रेशर एरिया की वजह से 29 सितंबर को तमिलनाडु के घाट इलाके, एक अक्टूबर तक तटीय कर्नाटक, केरल और माहे में एक अक्टूबर और 29 तारीख को आंतरिक कर्नाटक में बारिश हो सकती है. IMD ने गुरुवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के कारण आगामी सप्ताह के अंत में गंगीय पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होने की संभावना है.
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इसमें कहा गया है कि शुक्रवार तक पूर्व-मध्य और उससे सटे पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और उसके बाद यह एक अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल जाएगा, जो उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तरी ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ेगा. इसमें कहा गया है कि मौसम प्रणाली के कारण 29 और 30 सितंबर को गंगीय पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि 29 सितंबर से 01 अक्टूबर तक उत्तरी ओडिशा में भी भारी बारिश होने की संभावना है.
दूसरी ओर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम की वापसी चल रही है और राजस्थान से इसकी वापसी शुरू होने के बाद यह घटना इस सप्ताह के अंत तक दिल्ली में भी दिखाई देगी. यानी इस हफ्ते के अंत तक दिल्ली से भी मॉनसून की विदाई शुरू हो जाएगी. भारत मौसम विज्ञान विभाग के नए बुलेटिन के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी की रेखा (ट्रफ लाइन) मध्य राजस्थान के नोखरा, जोधपुर और बाड़मेर जिलों पर बनी हुई है. अगले 02-03 दिनों में उत्तर-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य भारत के कुछ और हिस्सों से वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो गई हैं.
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आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 17 सितंबर के आसपास राजस्थान से निकलता है. लेकिन इस साल राजस्थान से वापसी 25 सितंबर के आसपास हुई, जो एक सप्ताह की देरी को दिखाता है. उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ते हुए मॉनसून बाद में 25 सितंबर के आसपास राजधानी से बाहर निकलने से पहले 20 सितंबर तक पंजाब, हरियाणा और गुजरात के कुछ हिस्सों से निकल जाता है. लेकिन यहां भी देरी देखी जा रही है.
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