मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि अगले पांच दिन तक देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम सूखा रहेगा. हालांकि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में मौसम में बदलाव देखा जा सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 7 तारीख तक कहीं-कहीं बारिश और बर्फबारी दर्ज की जा सकती है. आईएमडी ने कहा है कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में छिटपुट जगहों पर हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है.
पिछले 24 घंटों के मौसम की बात करें तो अरुणाचल प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और बर्फबारी दर्ज की गई. इसके अलावा गंगीय पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तेलंगाना और केरल में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश हुई.
पश्चिमी हवाओं के साथ एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ का असर देखा जा रहा है. इसके प्रभाव में 07 मार्च तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश में छिटपुट से छिटपुट हल्की/मध्यम वर्षा/बर्फबारी और उत्तराखंड में छिटपुट वर्षा/बर्फबारी की संभावना है. एक चक्रवाती सर्कुलेशन ओडिशा और आसपास के क्षेत्र पर स्थित है. इसके प्रभाव में 08 तारीख तक ओडिशा में छिटपुट वर्षा की संभावना है. इसके साथ ही 07-09 मार्च के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बारिश हो सकती है. अगले 7 दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश में छिटपुट हल्की/मध्यम वर्षा/बर्फबारी की संभावना है. असम और मेघालय में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है. अगले 2 दिनों के दौरान रायलसीमा, तमिलनाडु और केरल में गर्म और आर्द्र मौसम बने रहने की संभावना है.
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-पके हुए फलों की तुड़ाई जल्द करें.
-पपीते और केले के गुच्छों को स्कर्टिंग बैग से ढक दें.
-उत्तर-पश्चिम में बगीचे के पौधों को यांत्रिक क्षति से बचाने के लिए हेल नेट या हेल कैप का उपयोग करें.
-कोंकण को छोड़कर भारत, मध्य भारत, झारखंड और महाराष्ट्र में काटी गई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें, फलों के पौधों को यांत्रिक सहायता दें और तेज़ हवाओं से बचाव करें.
-तेज़ हवाओं के दौरान सिंचाई और उर्वरक के प्रयोग को रोक दें.
-खुले में खड़े होने या खेतों में काम करने से बचें और खेत के जानवरों को घर के अंदर ही रखें.
-असम में केले की खेती करें. पके रेपसीड की कटाई, चावल और नागा किंग मिर्च की नर्सरी बुवाई और मक्का की बुवाई करें. नागालैंड में फॉक्सटेल बाजरा और अदरक की रोपाई करें.
-पकी हुई सब्जियों, रेपसीड, सरसों और आलू की कटाई करें, सब्जियों की रोपाई और उत्तर प्रदेश में वसंतकालीन गन्ने की बुवाई करें.
-पके हुए चावल की कटाई, तमिलनाडु में तिल और कपास की बुवाई करें.
-केरल में पके चावल, अदरक और काली मिर्च की कटाई करें.
-पके ज्वार, चना, अरहर, कुसुम, प्याज, आलू और कॉफी की कटाई करें. कर्नाटक में तिल, तरबूज, खरबूजा और ककड़ी की बुवाई करें.
-मध्य प्रदेश में आलू की कटाई करें. मिर्च, टमाटर और बैंगन की नर्सरी बुवाई करें.
-बिहार में ग्रीष्मकालीन मक्का, मूंग एवं उड़द की बुवाई करें.
-पकी पत्तागोभी, सरसों, मटर और आलू की कटाई, पश्चिम बंगाल में भिंडी की बुवाई करें.
-पकी हुई सरसों, मूंग और मटर की कटाई, लोबिया, ग्वारपाठा, कद्दू की बुवाई करें.
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