
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को बताया कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना एक कम दबाव का क्षेत्र अंततः एक चक्रवात में बदल सकता है - जिसे 'मोका' नाम दिया गया है. लेकिन तूफान 'मोका' भारत में लैंडफॉल नहीं करेगा, क्योंकि सिस्टम अंततः 11 मई के बाद, बांग्लादेश-म्यांमार तट की ओर बढ़ जाएगा. दरअसल आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, "चक्रवाती तूफान मोका शुरू में 11 मई तक उत्तर-पश्चिम की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है. इसके बाद, इसके धीरे-धीरे फिर से मुड़ने और उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बांग्लादेश-म्यांमार तटों की ओर बढ़ने की संभावना है."
चक्रवात मोका का नाम यमन द्वारा लाल सागर बंदरगाह शहर के नाम पर सुझाया गया था, जिसे 500 साल से भी पहले दुनिया में कॉफी पेश करने के लिए जाना जाता है. मौसम विभाग ने कहा कि तूफान मोका के प्रभाव में, 10 से 12 मई के बीच बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और आसपास के दक्षिण अंडमान सागर में समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहने की संभावना है.
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से शहर के कुछ इलाकों में मंगलवार को दिन में बादल छाए रहेंगे, बादलों की गरज होगी और बिजली चमकेगी. हालांकि, कम दबाव जो और तेज होने की संभावना है, अगले कुछ दिनों में शहर में अच्छी बारिश नहीं ला सकता है. मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर सोमवार को कम दबाव का क्षेत्र बना.
बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व में बना कम दबाव का क्षेत्र म्यांमार की ओर बढ़ रहा है और इस सप्ताह के अंत तक कोलकाता सहित विभिन्न जिलों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. वहीं गुरुवार तक अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
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10 मई से सप्ताह के अंत तक बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में समुद्र बहुत अशांत रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि लहरें छह से 14 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकती हैं.
चक्रवाती तूफान मोका के मद्देनजर मौसम विभाग द्वारा मछुआरों, छोटे जहाजों और नावों सलाह दी गई है कि वे 8 मई से दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के आस-पास के क्षेत्रों में और 9 मई से दक्षिणपूर्व और आसपास के मध्य बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाएं. इसके अलावा, जो लोग बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और दक्षिण अंडमान सागर से सटे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दी गई है और जो लोग बंगाल की खाड़ी के पूर्व मध्य और उत्तर अंडमान सागर में हैं, उन्हें 9 मई तक वापस लौटने की सलाह दी गई है.
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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार ने यह देखते हुए आवश्यक एहतियाती कदम उठाए हैं. उनको घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि चक्रवात पश्चिम बंगाल में लैंडफॉल नहीं करेगा.