चक्रवाती तूफान 'मोका' काफी हद तक खतरनाक हो चुका है. यह आज यानी रविवार को बांग्लादेश और म्यांमार के तटों पर दस्तक दे सकता है. इस तूफान से बांग्लादेश और म्यांमार के हजारों लोग प्रभावित हो सकते हैं. साथ ही 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है और 12 फीट तक की समुद्री लहरें उठने की आशंका है. इसका सबसे अधिक प्रभाव म्यांमार के रखाइन और चिन राज्यों में दिखेगा. वहीं, चक्रवाती तूफान ‘मोका’ लगभग बीस वर्षों में बांग्लादेश में देखी गई सबसे तीव्र चक्रवाती घटनाओं में से एक है. इसके मद्देनजर, बांग्लादेशी अधिकारियों ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण निकासी अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्वी तटरेखा के साथ रहने वाले लगभग 500,000 व्यक्तियों को स्थानांतरित करना है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान "मोका" के रविवार दोपहर के आसपास बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के क्यौकप्यू को पार करने की आशंका है.
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चक्रवात मोका के और तेज होने और उत्तर-उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है. इसके मद्देनजर स्थानीय लोगों को हटा दिया गया है. वहीं, मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि तूफान का रास्ता बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले को प्रभावित कर सकता है, जहां दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं.
बांग्लादेशी अधिकारियों ने भासन चार अपतटीय द्वीप पर 55 शेल्टर होम स्थापित किया है, जहां लगभग 30,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को शिफ्ट किया गया है. वहीं, बांग्लादेश सरकार ने विशेष रूप से भासन चार के रोहिंग्याओं को शिफ्ट किया है. उनमें से ज्यादातर म्यांमार की सीमाओं से सटे कॉक्स बाजार की मुख्य भूमि में रहते हैं. 2017 में म्यांमार में सैन्य नेतृत्व वाली कार्रवाई के बाद उनमें से अधिकांश रोहिंग्या पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए थे.
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तटीय जिले के प्रशासनिक प्रमुख मुहम्मद शाहीन इमरान ने संवाददाताओं को बताया कि लगभग 8,600 रेड क्रीसेंट स्वयंसेवक अभियान में शामिल हो गए हैं और लोगों को स्थानांतरित करने में मदद कर रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन ने उन्हें आश्रयों तक ले जाने के लिए परिवहन जुटाया है.