हापुड़ (यूपी) की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यहां गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और घाटों से सटे गांवों में गंगा का पानी घुस गया है. यह वहां रहने वाले ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. गंगा किनारे रहने वाले ग्रामीणों को अब गांव में अपने खाने के साथ-साथ फसलों और पशुओं के चारे की भी चिंता सता रही है.
हापुड़ के डीएम अभिषेक पांडे खुद बाढ़ के पानी में उतरकर बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका हालचाल जान रहे हैं. और इस दौरान वह उन्हें खाने-पीने की सामग्री भी बांट रहे हैं. बिजनौर बैराज से एक लाख दस हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर 199.48 मीटर पर पहुंच गया है. जिससे खादर क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों में पानी पहुंच गया है. बढ़ते जलस्तर से जनजीवन अस्त-व्यस्त होता नजर आ रहा है. शहर को जोड़ने वाली सड़कों पर 2 से 3 फीट तक जलभराव है. जिसके चलते गढ़ प्रशासन अलर्ट मोड पर है. अधिकारी ट्रैक्टर, बुग्गी, नावों की मदद से बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच रहे हैं.
गढ़मुक्तेश्वर इंस्पेक्टर नीरज कुमार और ब्रजघाट चौकी इंचार्ज इंद्रकांत यादव ट्रैक्टर और नावों के जरिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच रहे हैं. वे बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों तक ट्रैक्टर और नावों के जरिए खाद्य सामग्री पहुंचा रहे हैं. गढ़ कोतवाल और ब्रजघाट चौकी इंचार्ज बाढ़ पीड़ितों के लिए खाद्य सामग्री लेकर टापू पर बसे गंगानगर पहुंचे और लोगों में बांटी. पुलिस ने गंगानगर के लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. ऐसे में रक्षाबंधन पर छोटी बच्चियों ने गढ़मुक्तेश्वर कोतवाल नीरज कुमार और ब्रजघाट चौकी इंचार्ज इंद्रकांत यादव को राखी बांधी. ये तस्वीरें बता रही हैं कि पुलिस किस तरह आपदा के समय लोगों तक पहुंच रही है और उन तक राहत सामग्री पहुंचा रही है.
गंगा नगर के एक ग्रामीण ने बताया, "पानी का स्तर बढ़ रहा है. और अब तो पहले से भी ज़्यादा बढ़ गया है. राशन का कोई इंतज़ाम नहीं था, लेकिन अब पुलिस हमें थोड़ा-बहुत राशन दे रही है. जैसे ब्रेड, बिस्कुट दे रही है. हम बहुत दुखी हैं, आज रक्षाबंधन है और पानी की वजह से हमारी बहन घर नहीं आ पाई है."
वहीं हापुड़ जिला प्रशासन और पुलिस बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत सामग्री बांट रही है. हापुड़ के डीएम अभिषेक पांडे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र लठीरा, मेला रोड समेत कई इलाकों का निरीक्षण किया है. डीएम अभिषेक पांडे ने नाव में बैठकर गंगा नदी के जलभराव और प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया है.