लगभग दो हफ्ते से देशभर में कई राज्यों में चल रही शीतलहर लहर की विदाई हो गई. अब अधिकतर राज्यों से इसका प्रकोप हट गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कोल्ड वेव का येलो अलर्ट और हिमाचल प्रदेश में कोल्ड वेव का ऑरेंन्ज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा उत्तराखंड में जमीनी पाले को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं, आज पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, झारखंड, ओडिशा, बंगाल कुछ हिस्सों में और नार्थ-ईस्ट के कई राज्यों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लोगों को कई दिनों से सुबह के समय जारी सर्दी के सितम से थोड़ी राहत मिली है. आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, आज न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है, जबकि अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. इस दौरान मध्यम कोहरा छाया रह सकता है.
इसके अलावा आईएमडी ने दिल्ली में बारिश को लेकर अपडेट दिया है. मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार 23 नवंबर को दिल्ली और एनसीआर के कुछ इलाकों में सामान्य रूप से बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना है. इससे यहां प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है.
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मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि 26-28 दिसंबर के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भारी बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है. साथ ही 27 और 28 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और एनसीआर के कई हिस्सों, मैदानी इलाकों और आसपास के मध्य भारत में भी छिटपुट बारिश से लेकर भारी बारिश की आशंका है. आईएमडी ने 27-28 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि की भी आशंका जताई है.
मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच चुका है. वहीं, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान में न्यूनतम तापमान 4 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है.
मौसम विभाग के अनुसार, अभी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पाले का खतरा बना हुआ है. इसलिए किसानों को फसलों का बचाव करने की जरूरत है. मालूम हो कि हाल ही के कुछ दिनों में राजस्थान और हरियाणा के कई जिलों में तापमान गिरने के कारण पाला लगने से फसल खराब होने की जानकारी सामने आई थी.