हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश अब लोगों के लिए आफ़त बन गई है. जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं, जिससे कई घर मलबे में समा चुके हैं. कुल्लू जिला मुख्यालय के अखाड़ा बाजार में भी सुबह मठ की पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ, जिसमें तीन मकान चपेट में आ गए. इस दौरान दो घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए, जबकि एक को आंशिक नुकसान पहुंचा है. इस हादसे में 10 लोग मलबे में दब गए. रेस्क्यू टीम, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया. अब तक 4 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है, जिनमें से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई. तीन घायलों का ढालपुर अस्पताल में उपचार जारी है, जबकि दबे हुए 6 लोगों की तलाश एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों द्वारा लगातार जारी है.
मलबे में अब भी 6 लोगों के दबे होने की आशंका है, जिनमें 5 कश्मीरी और 1 स्थानीय महिला शामिल हैं. सभी को तलाशने के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन भारी बारिश रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है. हादसे के बाद एहतियातन अखाड़ा बाज़ार के एक दर्जन से अधिक घर खाली कराए गए हैं. वहीं, विधायक सुंदर ठाकुर भी मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीते दिन भी इसी क्षेत्र में भूस्खलन से दो मकान ढह गए थे, जिसमें दो लोग दबे थे. उनकी भी तलाश की जा रही है.
वहीं, एक कश्मीर से आए रहवासी अब्दुल ने बताया कि उनके रिश्तेदारों में से 5 लोग मलबे में दबे हैं. एक व्यक्ति ने खिड़की से कूदकर जान बचाई, लेकिन उनका सगा भाई और बाकी चाचा-ताया के बेटे दब गए. सभी सुबह मस्जिद में नमाज़ पढ़कर लौटे थे और खाना बना रहे थे, तभी पहाड़ी दरकी और वे मलबे में दब गए. ये सभी तीन कमरों में किराए पर रहते थे.
वहीं, भूस्खलन की चपेट में आए मकान के मालिक राहुल सूद ने बताया कि भूस्खलन में उनका घर भी प्रभावित हुआ है. अचानक जोरदार आवाज आई और घर के पीछे मलबा आ गया. पीछे का मकान पूरी तरह मलबे में समा गया, जिसमें 5 कश्मीरी लोग दब गए. पास ही एक अन्य मकान में मौजूद महिला भी मलबे में दब गई. राहुल सूद ने कहा कि कि उनकी और उनके परिवार की जान बच गई, लेकिन खतरा अब भी बना हुआ है.
भूस्खलन की चपेट में आई राधिका ने बताया कि वह किचन में चाय बना रही थी, तभी जोरदार आवाज आई और छत से मलबा गिर पड़ा. मकान के पिलर का कुछ हिस्सा उन पर आ गया. उन्होंने अपने पति और बच्चे को आवाज लगाई. थोड़ी देर बाद एनडीआरएफ के जवानों ने खिड़की काटकर उन्हें बाहर निकाला, उनके पैर में हल्की चोटें आई हैं.
कुल्लू के डीसी तोरुल एस रविश ने बताया कि खतरे को देखते हुए पहले ही प्रभावित मकानों को खाली करने की अपील की गई थी, लेकिन कई लोग नहीं माने. अब भी सभी से अपील है कि असुरक्षित घोषित मकान तुरंत खाली किए जाएं. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन को बारिश के चलते थोड़ी देर रोका गया था, लेकिन अब जेसीबी से वैकल्पिक रास्ते बनाकर दबे लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं.