तूफान और बारिश से हजारों क्विंटल गेहूं-सरसों का नुकसान, प्रशासन की लापरवाही से 7 करोड़ रुपये डूबे

तूफान और बारिश से हजारों क्विंटल गेहूं-सरसों का नुकसान, प्रशासन की लापरवाही से 7 करोड़ रुपये डूबे

आढ़तियों का कहना था कि मौसम विभाग ने पहले से ही इस बात की भविष्यवाणी भी कर रखी थी, लेकिन उसके बावजूद प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि झज्जर अनाज मंडी में केवल वही फसल बची है जो कि तीन साइड के नीचे पड़ी हुई है. बाकी सारा का सारा खुले में पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं बरसात के पानी में बुरी तरह भीग गया जिसका सीधे रूप से नुकसान आढ़तियों को होना बताया गया है.

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क‍िसान तक
  • Jhajjar,
  • May 02, 2025,
  • Updated May 02, 2025, 3:44 PM IST

बीती रात अचानक आए भयंकर तूफान और बरसात ने हरियाणा के झज्जर में किसान और आढ़तियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. दोनों को ही इस बार उम्मीद थी कि अनाज मंडी में आई फसल का उन्हें अच्छा भाव मिलेगा. उन्हें इसका फायदा भी मिलता यदि समय रहते झज्जर अनाज मंडी के अंदर खुले में पड़ा गेहूं समय रहते उठान कर लिया जाता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और हजारों क्विंटल गेहूं और सरसों की फसल अचानक आए भयंकर तूफान और बरसात की वजह से खराब हो गई. 

आढ़तियों का कहना था कि मौसम विभाग ने पहले से ही इस बात की भविष्यवाणी भी कर रखी थी, लेकिन उसके बावजूद प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि झज्जर अनाज मंडी में केवल वही फसल बची है जो कि तीन साइड के नीचे पड़ी हुई है. बाकी सारा का सारा खुले में पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं बरसात के पानी में बुरी तरह भीग गया जिसका सीधे रूप से नुकसान आढ़तियों को होना बताया गया है.

प्रशासन की लापरवाही से गेहूं बर्बाद

उन्होंने कहा कि लापरवाही का इससे ज्यादा प्रमाण और क्या होगा कि जो सूखा गेहूं था उसे भी बहानेबाजी लगाकर गोदाम से वापस भेज दिया गया. आढ़ती ने कहा कि यह लापरवाही से ही आढ़तियों का नुकसान हुआ है और सरकार को चाहिए कि इस मामले में हस्तक्षेप कर जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करें.

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इसी तरह जींद अनाज मंडी में भी भारी नुकसान हुआ है. यहां भी खुले में गेहूं रखा हुआ था और जैसे ही बारिश आई, हजारों बोरियां भीग गईं. इससे गेहूं को बड़ा नुकसान बताया जा रहा है. इसमें आढ़तियों का अधिक नुकसान हुआ है क्योंकि किसानों ने अनाज ले लिया गया था. उस अनाज को शेड में नहीं रखने से बारिश के पानी में वह डूब गया.

आढ़तियों ने लगाया बड़ा आरोप

आढ़तियों का कहना है कि प्रशासन ने शेड की व्यवस्था नहीं की जिससे हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया और अब खराब होने की स्थिति में है. आढ़तियों ने आरोप लगाया कि बार-बार मांग करने के बावजूद शेड की व्यवस्था नहीं की गई. इसके चलते गेहूं की बोरियों को खुले में रखना पड़ा. आढ़तियों ने इस नुकसान की भरपाई करने की मांग की है.

जींद में भी भारी नुकसान

हरियाणा की सबसे बड़ी अनाज मंडियो में जींद की अनाज मंडी का भी नाम आता है जिसमें अबकी बार करीबन 10 लाख से ज्यादा गेहूं के बैग इकट्ठा हुए थे और जिसमें से करीबन 6 लाख के करीब गेहूं के बैग को उठाकर गोदाम में भी रखा गया था. लेकिन कल रात को जैसे ही बारिश आई बारिश ने प्रशासन के दावे और आढ़तियों की लापरवाही के भी सारे पत्ते खोल दिए. बारिश के कारण करीबन 4 लाख से ज्यादा बोरे पानी में भीग गए जिसको अब सुखाकर गोदाम में भेजा जाएगा. पानी निकालने के लिए टल्लू पंप का आढ़ती सहारा ले रहे हैं. आढ़तियों ने कहा है कि प्रशासन के द्वारा जो शेड बनाई गई थी उनके पाइपों का ढलान प्रॉपर नहीं किया गया जिसके कारण गेहूं के बैगों के नीचे पानी आ गया और बैग पानी में भीग गई.

अनाज मंडी के आढ़ती ने बताया कि कल रात को बारिश हुई थी जिसमें 4 लाख से ज्यादा गेहूं के बैग भीग गए. हालांकि गेहूं के बैगों को अनाज मंडी में बनी शेडों के नीचे भी रखा गया था, लेकिन गेहूं ज्यादा आने के कारण शेड से बाहर भी गेहूं के बैगों को रखा गया था. लेकिन शेड के ऊपर लगे पाइपों का ढलान सही नहीं होने के कारण सारा पानी गेहूं के बैगों के नीचे आ गया जिससे करीबन 4 लाख से ज्यादा गेहूं के बैग पानी में भीग गए. हालांकि बारिश से बचाने के लिए गेहूं के बैगों के ऊपर तिरपाल बिछाया गया था लेकिन फिर भी गेहूं के बैग के नीचे पानी आ गया.(झज्जर से प्रथम शर्मा और जींद से सुनील कुमार की रिपोर्ट)

 

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