Success Story: आम की खेती ने बना दिया किसान का काम, सिर्फ ऑनलाइन बिक्री से कमाए पांच लाख

Success Story: आम की खेती ने बना दिया किसान का काम, सिर्फ ऑनलाइन बिक्री से कमाए पांच लाख

मध्य प्रदेश के इस किसान ने अपने बगीचे में 26 किस्मे के आम लगा रखे हैं लेकिन सबसे खास नूरजहां है. इसकी खासियत है कि एक आम का वजन लगभग तीन किलो होता है, जिसकी कीमत प्रति किलो एक हजार रुपये होती है. जानिए आम की खेती करने वाले इस किसान की कहानी. 

फायदे का सौदा साबित हुई आम की खेती.
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Mar 13, 2024,
  • Updated Mar 13, 2024, 12:30 PM IST

आम का सीजन शुरू हो गया है. कुछ क्षेत्रों में आम आना शुरू हो गया है तो कुछ में अभी मंजर लग रहे हैं. इस बीच मध्य प्रदेश से आम की अनोखी खेती करने वाले एक किसान के सफलता की कहानी आई है, जिसने एक ही सीजन में 5 लाख रुपये के आम ऑनलाइन ही बेच डाले. ऑफलाइन का बिजनेस अलग है. इस किसान के बगीचे में आम के दो हजार पेड़ हैं. इस किसान ने आम खेती करके अपनी तकदीर बदल दी है. अलीराजपुर जिले के किसान युवराज सिंह के बागीचे में लंगड़ा, केसर, चौसा, सिंदूरी, राजापुरी, हापुस जैसे 26 वैरायटी के आम के पेड़ लगे हैं. इसलिए उनका बगीचा अन्य, लोगों से अलग है और यही उनकी आय बढ़ने का राज भी है. 

सिंह कहते हैं कि इतनी किस्मोंन के आम के बावजूद सबसे खास नूरजहां है. वो जिले के कट्ठीवाड़ा से नूरजहां आम का पौधा ग्राफ्टिंग करके लाए थे. उसे अपने बागीचे में लगाया और एक छोटा सा पौधा आज आम के पेड़ के रूप में बनकर तैयार हो गया है. इसकी खासियत है कि एक आम का वजन लगभग तीन किलो होता है, जिसकी कीमत प्रति किलो एक हजार रुपये होती है. 

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बागवानी से आय बढ़ाने की कोशिश  

प्रदेश में खेती को लाभदायक बनाने के लिए राज्य सरकार कोशिश में जुटी हुई है. इसके लिए बागवानी फसलों की मदद ली जा रही है. कई किसानों ने अपनी मेहनत से इस क्षेत्र में अच्छीै कामयाबी भी हासिल की है. इसमें अलीराजपुर के किसान युवराज सिंह भी शामिल हैं. जिले के ग्राम छोटा उंडवा के किसान युवराज ने अपने पुश्तैनी बागीचे को विस्तार देते हुए आम का बागीचा तैयार किया है. उन्हें आम के स्वाद से विशेष पहचान मिली है. क्योंेकि उनके बाग में कई किस्मों  के आम के पेड़ हैं. 

एडवांस मिलती है पेमेंट 

युवराज सिंह कहते हैं कि अलीराजपुर जिले की मिट्टी में नमी होने से यह आम की खेती के लिए उपयुक्त है. यहां पैदा होने वाले आम का स्वाद पूरे देश में विशेष पहचान रखता है. वो वर्ष अलग-अलग वैरायटी के आम की सीधी बिक्री अपने खेत से करते हैं. अलीराजपुर के आमों की खासियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सीजन के पहले ही लोग आम की बुकिंग कर एडवांस पेमेंट कर देते हैं.

बाग में 2000 से अधिक पेड़

युवराज कहते हैं कि उन्हों ने अपने दादा और पिताजी को हमेशा से आम के बागीचे पर काम करते देखा है. उन्हीं से प्रेरणा लेकर सात साल पहले 500 आम के पौधे बागीचे में लगाए. अब इसमें केसर व अन्य आम की वैरायटी के कुल 2 हजार से अधिक पेड़ हो गए हैं. देश के विभिन्न शहरों में होने वाले आम महोत्सव में उन्हेंी पिछले एक दशक में कई बार प्रथम पुरस्कार मिला है.  

ऑनलाइन बिक्री को बनाया मंच

सिंह ने बताया कि बीते वर्ष उन्होंीने ऑनलाइन बाजार के माध्यम से 5 लाख रुपये का आम एक सीजन में बेचा है. . इसके अलावा 5-5 किलों के बॉक्स तैयार करके ऑनलाइन और मंडी में दोनों तरह से आम बेचा है. अलीराजपुर जनजातीय क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों का आम ही मुख्य आय का साधन है. बड़ी मंडी होने के कारण लोगों को आम बेचने के लिए शहर से बाहर नहीं जाना होता है.  

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