भारत में प्याज किसानों की हालत अक्सर बेहद चिंताजनक रहती है. बाजार में प्याज के दाम गिरने से उन्हें लागत का भी पैसा नहीं मिल पाता, इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है. एक तो कम कीमत और दूसरा सड़न का नुकसान. यह एक ऐसा संकट है जिससे देश को ₹40,000 करोड़ के बराबर नुकसान होता है. पारंपरिक रूप से, किसान प्याज की सड़न का पता लगाने के लिए सिर्फ गंध पर निर्भर रहते थे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती थी और भारी नुकसान उठाना पड़ता था. महाराष्ट्र के नासिक जिले के कल्याणी शिंदे के पिता भी इन्हीं किसानों में से एक थे, जिन्हें हर साल अपनी आधी प्याज की फसल खराब होने का दर्द झेलना पड़ता था. बेटी होने के नाते, कल्याणी शिंदे अपने पिता के इस दुख और नुकसान को बर्दाश्त नहीं कर पाईं. उस समय वह सिर्फ एक कंप्यूटर इंजीनियरिंग की छात्रा थी, लेकिन उसने ठान लिया था कि वह इस समस्या का समाधान निकालेंगी.
दरअसल, सरकारी भंडारण व्यवस्था की कमी और पारंपरिक गोदामों में नमी व तापमान का नियंत्रण न होने से प्याज की बर्बादी और भी बढ़ जाती है. कई बार जब बाजार में दाम बढ़ते हैं, तब तक किसानों के पास बेचने के लिए प्याज बचता ही नहीं. यही कारण है कि प्याज किसान हमेशा घाटे का सौदा झेलते हैं और उनकी मेहनत का वाजिब मूल्य नहीं मिल पाता. भारत, हर साल 2.6 करोड़ टन प्याज का उत्पादन करता है, लेकिन इसमें से चौंका देने वाला 40 फीसदी प्याज, जो लगभग 5 करोड़ भारतीयों का पेट भर सकता है, लोगों तक पहुंचने से पहले ही बर्बाद हो जाता है.
कल्याणी एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी, लासलगांव पहुंची और वहीं उसने अपने समाधान की नींव रखी. केवल ₹3 लाख की फंडिंग के साथ, कल्याणी ने "Godaam Sense" को विकसित किया है. भारत का पहला IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) डिवाइस है, जो प्याज में सड़न शुरू होने से पहले ही उसकी चेतावनी देता है. Godaam Sense एक अत्याधुनिक हार्डवेयर डिवाइस है जो वास्तविक समय में सूक्ष्म-जलवायु की निगरानी करता है. यह विशेष रूप से प्याज से निकलने वाली उन गैसों का भी पता लगाता है जो उनके सड़ने की शुरुआत का संकेत देती हैं. यह डिवाइस प्याज का तापमान, नमी और इससे निकलने वाली गैसों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करता है. जैसे ही भंडारण में 1% प्याज में भी सड़न की शुरुआत होती है, ये किसानों को अलर्ट भेज देता है, जिससे समय रहते प्याज की खेप बचाई जा सके.
ये डिवाइस तापमान और नमी में बदलाव के कारण प्याज के भंडारण में अहम रोल निभाते हैं और प्याज से निकलने वाली गैसें, सड़न की शुरुआती चेतावनी होती हैं.जैसे ही 1 फीसदी प्याज में भी सड़न के शुरुआती लक्षण दिखते हैं, Godaam Sense तुरंत किसानों को अलर्ट भेज देता है. इससे किसानों को समय रहते उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है, जिससे वे अपनी फसल को बचा सकें.
कल्याणी का कहना है कि आज जो किसान Godaam Sense का उपयोग कर रहे हैं, वे अपनी 20-30% प्याज की फसल बचाने में सक्षम हैं. कल्याणी शिंदे का कहना है, “मैंने कभी शोहरत के लिए नहीं, अपने पिता की मेहनत को बचाने के लिए यह बनाया था. अगर आज मेरे जैसे हजारों किसान अपनी फसल बचा रहे हैं, तो मुझे लगता है मैंने अपने हिस्से का काम कर दिया.” मगर इस नेक कोशिश कल्याणी ने अनजाने में भारत के सबसे बड़े भंडारण संकटों में से एक का समाधान निकाल दिया. इस तरह अगर प्याज सड़ना बंद हो गया तो देश और किसानों का ₹40,000 करोड़ बच सकता है. कल्याणी शिंदे जैसे लोग ही हमारे "अनसंग हीरो" हैं – जो चुपचाप, दुनिया को बदल रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
इस प्याज नवाचार से देश के एक बड़े राष्ट्रीय संकट को हल करने में मदद मिल सकती है. भंडारण के दौरान हर साल सड़ने वाली प्याज को बचाकर लाखों किसानों का नुकसान रोका जा सकता है. इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि बाजार में प्याज की लगातार उपलब्धता बनी रहेगी. प्याज की कमी के कारण हर साल जो कीमतें आसमान छूती हैं, इस तरीके से 40% प्याज, जो लगभग 5 करोड़ भारतीयों का पेट भर सकता है, उस पर भी नियंत्रण रहेगा और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. Godaam Sense का विजन किसानों के साथ मिलकर एक बड़े पैमाने पर बदलाव लाना और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर सकरात्मक बदलाव लाना है. इसका उद्देश्य किसानों की मदद करना जिससे अधिक से अधिक लाभ मिले.
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