बिहार जिसकी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, राज्य की एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है. वहीं, कई किसान इससे जुड़े रोजगार के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति सुधार रहे हैं. इसमें पुरुषों के साथ महिलाओं का योगदान भी तेजी से बढ़ रहा है, जो ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को अपना स्टार्टअप शुरू कर आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायी महिला हैं नालंदा जिले के मोहनपुर की आकांक्षा कुमारी, जो सब्जियों और फलों की मदद से कई तरह के अचार और अन्य उत्पाद बनाकर बाजार में बेच रही हैं. इससे वह सालाना करीब पांच लाख रुपये कमा रही हैं.
कानून की पढ़ाई कर चुकी आकांक्षा कुमारी ने वकील बनने की बजाय 'मगही मसाला' नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया. आकांक्षा कहती हैं कि वे इसे एक मिशन के तौर पर देखती हैं. पिछले दो सालों से वे अलग-अलग तरह के अचार बना रही हैं. अचार और दूसरे उत्पाद बनाने के लिए ज्यादातर कच्चा माल वे किसानों से खरीदती हैं और उत्पाद तैयार करने का काम ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाएं करती हैं. वे कहती हैं कि उनके स्टार्टअप को शुरू हुए दो साल हो गए हैं. अभी उनके साथ अचार और दूसरे उत्पाद तैयार करने में चार महिलाएं काम कर रही हैं, जबकि उत्पाद बेचने के लिए दो पुरुषों को रखा गया है.
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महिला उद्यमी आकांक्षा का कहना है कि बचपन से ही वह ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती थीं, ताकि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके. इसी उद्देश्य से उन्होंने यह स्टार्टअप शुरू किया. फिलहाल वह किसानों से आम, मूली, शलजम, धनिया, आलू, अलसी, मसूर, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न जैसे कृषि उत्पाद खरीदती हैं और उनसे विभिन्न उत्पाद तैयार करती हैं. वह छह तरह के अचार, बेबी कॉर्न अचार, बरी, पापड़ और चिप्स जैसे उत्पाद बना रही हैं.
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आकांक्षा एक सीजन में एक ही उत्पाद का करीब 500 किलो अचार तैयार करती हैं. उनके साथ काम करने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 500 से 600 रुपए का भुगतान किया जाता है. वह खुद करीब चालीस हजार रुपए प्रतिमाह कमा रही हैं. उनका कहना है कि यह तो अभी शुरुआत है, लेकिन भविष्य में उनके उत्पादों को बेहतर बाजार मिलने की संभावना है.