
हमारे देश में बड़े पैमाने में लोग होम गार्डनिंग और किचन गार्डनिंग करने लगे हैं. गार्डनिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको ताजे, केमिकल फ्री और गुणवत्ता पूर्वक उत्पाद घर में ही मिल जाएंगे, जिससे आपकी सेहत और काफी हद तक बजट में भी इजाफा होगा. गार्डनिंग करते हैं तो आप ये भी बखूबी जानते होंगे कि गार्डनिंग के दौरान उसकी देखभाल बहुत जरूरी होती है, खासतौर पर किचन गार्डनिंग के दौरान, क्योंकि इसका सीधा असर आपकी सेहत पर भी पड़ सकता है. आज आपको सर्दी के दिनों में गार्डन की विशेष देखभाल का तरीका बताने जा रहे हैं.
ठंड के दिनों में किचन गार्डन की देखभाल खास तरीके से करनी चाहिए. कई लोग ठंड में पौधों को धूप से दूर रख देते हैं, जिससे उनकी बढ़त रुक जाती है. इन दिनों कम से कम 8 घंटे की धूप जरूर लगनी चाहिए. जरूरत से ज्यादा सिंचाई भी नुकसानदायक है, इसलिए मिट्टी सूखने पर ही पानी दें. बहुत गाढ़ी खाद या गोबर खाद ठंड में न डालें, इससे जड़ें सड़ सकती हैं. ठंडे मौसम में हवा और पाले से बचाने के लिए पौधों को प्लास्टिक शीट या घास से ढक कर रखें, थोड़ी देखभाल से आपका किचन गार्डन सर्दियों में भी हरा-भरा रहेगा.
नवंबर की शुरुआत से गार्डन की देखभाल नियमित रूप से करना बहुत जरूरी है, ताकि पौधे स्वस्थ और सुंदर बने रहें. सबसे पहले मिट्टी को भुरभुरा रखें और समय-समय पर जैविक खाद डालें. पौधों को सुबह या शाम के समय ही पानी दें ताकि नमी बनी रहे और जड़ें न सड़ें. सूखे पत्ते और टहनियों की कटाई-छंटाई भी जरूरी है ताकि नई कोपलें फूटें. खरपतवार की नियमित सफाई करें. मौसम के अनुसार पौधों को धूप या छाया दें. कीटों से बचाव के लिए नीम का तेल या जैविक स्प्रे उपयोग करें. थोड़ी देखभाल से आपका गार्डन हमेशा ताजा और आकर्षक रहेगा.
किचन गार्डन को पूरी तरह से जैविक रखना अच्छा माना जाता है. खाद की बात करें तो इसमें नीम की खल, वर्मी कंपोस्ट और कोकोपीट खाद देना अच्छा माना जाता है. इससे मिट्टी में ना कीट लगते ना फफूंद, ऊपर से इससे पौधों की अच्छी ग्रोथ भी होती है. बाजार से आप ऑर्गेनिक खाद भी खरीद सकते हैं.