दिल्ली की कॉर्पोरेट दुनिया छोड़कर गांव की मिट्टी से जुड़कर करोड़ों का कारोबार खड़ा करने वाले अजय सिंह की कहानी किसी सपने से कम नहीं है. हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बरसाना गांव के रहने वाले अजय कभी अकाउंटेंट और बैंकर हुआ करते थे. सीआरपीएफ अफसर के बेटे अजय ने पढ़ाई अकाउंटिंग में की और करियर की शुरुआत बैंकिंग सेक्टर से लेकिन साल 2011 के प्रॉपर्टी बूम ने उन्हें रियल एस्टेट की तरफ खींच लिया. अलवर में 35 एकड़ जमीन खरीदी और प्लॉटिंग का काम शुरू किया. शुरुआत अच्छी रही, लेकिन 2015 में जब रियल एस्टेट बाजार ध्वस्त हुआ तो अजय का पूरा सपना बिखर गया.
2016 से नई पारी की शुरुआत
हालात से हारे बिना अजय ने गांव की ओर रुख किया. वहीं उन्होंने बकरी पालन पर गौर किया और बुजुर्गों के शब्द याद आए कि बकरी का दूध ‘निरोगा’ होता है यानी सेहतमंद रखने वाला. यही विचार उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. 2016 में उन्होंने ‘कोर्टयार्ड फार्म्स’ नाम से स्टार्टअप की नींव रखी. शुरू में रोजाना सिर्फ 40 लीटर दूध बिकता था, लेकिन धीरे-धीरे ग्राहक बढ़ते गए और उनकी संख्या 8 हजार तक पहुंच गई.
दूध से आगे बढ़कर दही और चीज तक
अजय ने बकरी के दूध को सिर्फ दूध तक सीमित नहीं रखा. उन्होंने उससे दही, घी और चीज जैसे प्रोडक्ट तैयार करने शुरू किए. यही उनकी सफलता का सबसे बड़ा आधार बना. आज इंडियन एक्सेंट और कोमोरिन जैसे नामी रेस्तरां उनके चीज़ के स्थायी ग्राहक हैं.
दिल्ली की फैक्ट्री से देशभर में सप्लाई
दिल्ली के ओखला इंडस्ट्रियल एरिया में अजय की 6,000 स्क्वेयर फीट की फैक्ट्री है. यहीं से बकरी के दूध से बने योगर्ट, घी, केफिर और चीज़ तैयार होकर निकलते हैं. साल 2024-25 में उनका कारोबार 2.25 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
इनके प्रोडक्ट्स की खासियत
Goat Feta: हल्का नमकीन स्वाद और स्मूद टेक्सचर, सलाद और स्नैक में तुरंत ग्रीक टच. पूरी तरह प्रिजर्वेटिव-फ्री.
Chevre: बकरी के दूध का सबसे क्रीमी और ताजा रूप, जिसे ब्रेड या रोटी पर आसानी से लगाया जा सकता है.
Goat Kefir: प्रोबायोटिक ड्रिंक, जो पाचन और इम्युनिटी दोनों को मज़बूत करता है.
Greek Yogurt: गाढ़ा और क्रीमी, जिसमें बकरी के दूध की हल्की मिठास है. फिटनेस और हेल्थ लवर्स के लिए खास.
हौसले से लिखी सफलता की कहानी
अजय सिंह का सफर दिखाता है कि जज़्बा और धैर्य हो तो असफलताएं भी नई राह बना देती हैं. कॉर्पोरेट की चकाचौंध छोड़कर उन्होंने गांव से जुड़कर करोड़ों का कारोबार खड़ा किया.
-मनीषा लड्डा की रिपोर्ट
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