Organic pesticides: घरेलू नुस्खों से बनाएं असरदार जैविक कीटनाशक, खेती से कमाएं ज्यादा मुनाफा

Organic pesticides: घरेलू नुस्खों से बनाएं असरदार जैविक कीटनाशक, खेती से कमाएं ज्यादा मुनाफा

घरेलू सामग्री का उपयोग करके आसानी से असरदार जैविक कीटनाशक बना सकते हैं. यह रासायनिक कीटनाशकों का एक सुरक्षित और सस्ता विकल्प है. इन प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग आपकी फसल को कीटों से बचाता है, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करता है, और खेती की लागत को कम करता है. इससे आपकी उपज की गुणवत्ता बढ़ती है और आप बाज़ार में बेहतर दाम पाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 12, 2025,
  • Updated Sep 12, 2025, 12:06 PM IST

आजकल खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल पिछले 70 सालों में कई गुना बढ़ गया है, जिससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति खत्म हो रही है. केमिकल वाली उपज खाने से आने वाली पीढ़ियों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि इसका समाधान क्या है? तो कुछ ऐसे नए और घरेलू तरीके बताते हैं, जिनसे आप बिना केमिकल के फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीट-रोग का रोकथाम कर सकते है. अच्छी पैदावार कर सकते हैं और ज़्यादा मुनाफा भी कमा सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, आज के समय में जैविक खेती और नेचुरल फार्मिग बहुत ज़रूरी है. इससे न सिर्फ फसलें कीटों से बची रहती हैं, बल्कि पैदावार भी अच्छी होती है. सबसे अच्छी बात यह है कि आप घर पर मौजूद चीजों जैसे- गोमूत्र, गोबर, नीम, मिर्च, और चूना आदि से ही असरदार कीटनाशक और खाद बना सकते हैं. इसमें लागत लगभग न के बराबर होती है और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है.

घर पर बनाएं असरदार जैविक कीटनाशक 

खेत में कीटों को आने से रोकने का एक आसान तरीका है गंध का इस्तेमाल. आप लहसुन, अदरक और हींग को पीसकर पानी में घोल लें और इसका छिड़काव फसल पर करें. इसकी तेज गंध से कीट-पतंगे फसल के पास नहीं आते हैं. नीम, आक, धतूरा, बेशरम और सीताफल की पत्तियों को पांच लीटर देसी गाय के गोमूत्र में डालकर मिट्टी के बर्तन में रख दें. कुछ दिनों बाद इसे छानकर 200 लीटर पानी में मिलाएं और एक एकड़ फसल पर छिड़काव करें. इससे फसल में कीट नहीं लगेंगे.

दशपर्णी अर्क: यह रस चूसने वाले कीड़ों और इल्लियों पर बहुत कारगर है. इसे बनाने के लिए 200 लीटर पानी में 10 लीटर गोमूत्र, 2 किलो गोबर, और कई तरह के पत्ते जैसे- नीम, करंज, पपीता, गेंदा, बेल, कनेर आदि को मिलाया जाता है. साथ ही इसमें तम्बाकू, लहसुन, हल्दी, हरी मिर्च और अदरक का पेस्ट भी डाला जाता है. इस घोल को 40 दिन तक छाया में रखने के बाद फसल पर स्प्रे करें.           

नीम का कीटनाशक: 10 लीटर गोमूत्र में 3 किलो नीम की पत्ती, 2-2 किलो आक, सीताफल, धतूरा और बेशरम के पत्तों की चटनी मिलाकर उबालें. जब चार बार उबाल आ जाए तो इसे उतारकर 48 घंटे ठंडा होने दें. फिर इसे छानकर 15 लीटर पानी में आधा से एक लीटर मिलाकर स्प्रे करें.

मिट्टी की ताकत बनाए घन जीवा अमृत

फसल की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का स्वस्थ होना ज़रूरी है. "घन जीवा अमृत" मिट्टी में फायदेमंद जीवाणुओं को बढ़ाकर उसकी उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है. इसे बनाने के लिए 20 लीटर गोमूत्र, 10 किलो गोबर (15 दिन पुराना), 2 किलो बेसन, 2 किलो गुड़ और थोड़ी सी पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी को 180 लीटर पानी में मिलाएं. इस मिश्रण को एक बड़े टब में डालकर दिन में तीन बार डंडे से हिलाएं. एक हफ्ते में यह बनकर तैयार हो जाएगा. इसे छानकर सिंचाई के पानी के साथ खेत में इस्तेमाल करें.

फंगस और वायरस रोग की घरेलू दवा बनाएं

फंगस के लगने वाले रोगों की रोकथाम के लिए खट्टी छाछ में तांबे का एक टुकड़ा डालकर दो दिन के लिए रख दें. इसके बाद आधा लीटर छाछ को 15 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें. यह फंगस से होने वाली बीमारियों को रोकता है. वायरस वाले रोगों के लिए पौधों को वायरस से बचाने के लिए 1 लीटर देसी गाय के दूध में 50 ग्राम हल्दी और 15 लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें. इसके अलावा, हींग और हल्दी को पानी में मिलाकर फसल की जड़ों में डालने से भी वायरस का खतरा कम होता है.

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