उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम चौपाल अभियान में गांवों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो रहा है. जिसके तहत 15 दिनों में 18 हजार शिकायतों का निपटारा किया गया है. असल में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम चौपाल अभियान को गांवों के विकास का ग्रोथ इंजन साबित करने की मुहिम की तरह शुरू किया है. 'सरकार गांव के द्वार' थीम पर इस अभियान को 30 दिसंबर को शुरू किया गया था. सरकार का दावा है कि चौपाल में गांव की समस्याओं का गांव में ही तत्काल समाधान हो जाता है. हर सप्ताह शुक्रवार को होने वाले ग्राम चौपाल कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की मौजूदगी में गांव की विकास योजनाओं का निरीक्षण भी किया जाता है.
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उपमुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास मामलों के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व यह अभियान शुरू किया गया है. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक तीन सप्ताह में ग्राम चौपाल में ही 18 हजार शिकायतों एवं समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है. इस दौरान ग्राम विकास की लगभग 10 हजार योजनाओं का निरीक्षण किया गया. मौर्य ने 30 दिसंबर को वाराणसी जिले की तीन ग्राम पंचायतों से इस अभियान का आगाज किया था. इसके बाद 06 जनवरी को मौर्य ने रायबरेली और बाराबंकी तथा 13 जनवरी को आगरा एवं फिरोजाबाद के एक- एक गांव में आयोजित ग्राम चौपाल में लोगों की समस्याओं को दूर किया.
ग्राम चौपाल में जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, ग्राम सभा के कर्मचारी एवं ग्रामीण जुटते हैं. इन चौपालों में 13,384 ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों एवं ग्रामसभा के 20 हजार कर्मचारियों को बुलाकर गांव वालों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करवाया गया. इन ग्राम चौपालों में शामिल हो चुके 31 हजार ग्रामीणों ने अब तक अपनी समस्याओं के 24,517 आवेदन दिए. इनमें से 18 हजार का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया. शेष आवेदनों को उच्च स्तर के अधिकारियों के पास त्वरित निस्तारण के निर्देश के साथ भेजा गया है. जिस गांव में चौपाल आयोजित होती है, उस गांंव में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण भी किया जाता है. इस क्रम में अब तक 10 हजार ग्राम विकास परियोजनाओं का मौके पर निरीक्षण किया गया.
उपमुख्यमंत्री मौर्य ग्राम चौपालों से वापस लौटने के बाद फीडबैक भी लेते हैं, जिससे समस्याओं के निस्तारण में देरी न हो. इसके लिए सभी ग्राम चौपालों से समस्याओं के समाधान की रिपोर्ट संकलित की जाती है. इससे मिले फीडबैक के आधार पर मौर्य समीक्षा करते हैं. जिन शिकायतों का मौके पर निस्तारण हो जाता है, उनमें कम से कम दो शिकायतकर्ताओं के नाम ,पते और मोबाइल नंबर भी एकत्र किया जाता है. विभागीय अधिकारी इनसे बात करके शिकायत निवारण की गुणवत्ता एवं संतुष्टि की जमीनी स्थिति का जायजा लेते हैं.
मौर्य ने कहा कि वह हर शुक्रवार को ग्राम चौपाल में खुद शिरकत करते हैं. चौपाल में लोगों का उत्साह देखते बनता है. इसके संतोषनक परिणाम सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत प्रत्येक शुक्रवार को निर्धारित रोस्टर के अनुसार ग्राम चौपालों का आयोजन किया जाता रहेगा. ग्राम चौपालों में शासन स्तर पर भी विभागीय अधिकारी प्रतिभाग करेंगे तथा जनप्रतिनिधियों को भी चौपालों में भाग लेने की अपील की गई है.
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