वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा देश के भीतर मोटे अनाज को खानपान में शामिल किए जाने को लेकर भी लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है. इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार भी मोटे अनाज की खेती का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को मुफ्त मिनी किट का वितरण कर रही है. अब तक उत्तर प्रदेश में 9.04 लाख हेक्टेयर भूमि पर मोटे अनाज का उत्पादन हो रहा है जिसे दोगुना करने की सरकार का प्रयास है. मोटे अनाज में शामिल सांवा , कोदो, ज्वार, बाजरा, रागी और रामदाना का उत्पादन प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में होता है. अब तक प्रदेश में सबसे ज्यादा बाजरा और ज्वार की खेती किसानों के द्वारा होती है लेकिन अब सांवा ,कोदो, रागी और रामदाना की खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है. खरीफ सीजन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 43975 मिनी किट (Millets mini kit)का 37 हजार किसानों के बीच मिनीकिट का वितरण किसानों के बीच शुरू हो गया है. प्रदेश के अलग-अलग भौगोलिक दशा के अनुसार मिनी किट का वितरण किसानों के बीच शुरू हो गया है.
उत्तर प्रदेश में मोटे अनाज (coarse grains ) की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा मिलेट्स पुनरुद्धार योजना संचालित की जा रही है. अब तक 9.04 लाख हेक्टेयर भूमि पर ही मोटे अनाज की खेती हो रही है जिसे बढ़ाकर सरकार 25 लाख हेक्टेयर करने की तैयारी में है. मोटे अनाज में शामिल ज्वार, बाजरा, सावा,कोदो, रामदाना और रागी की बुवाई खरीफ सीजन के अंतर्गत होती है. वहीं सरकार के द्वारा प्रदेश के किसानों के बीच 43975 मिनी कीट का वितरण होगा. सावा, कोदो ,ज्वार और रागी की मिनी किट का वजन 3 किलो होगा जबकि रामदाना की मिनी किट का वजन 1 किलो और बाजरे की मिनी किट का वजन 2 किलो होगा. प्रदेश के किसानों के बीच एक 11675 सांवा की मिनी किट और कोदो की 11675 मिनी किट को तैयार किया गया है. वही रागी की 2700 किट बनाई गई है. इसके अलावा राम दाने की 500 और संकर बाजरा की 13120 मिनी किट का 37 हजार किसानों के बीच मिनीकिट का वितरण होगा. इसके अलावा शंकर ज्वार 4305 की किट किसानों के बीच बांटी जा रही है.
उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में मोटे अनाज को लेकर मिनी किट का वितरण शुरू हो चुका है . उत्तर प्रदेश में मोटे अनाज के प्रभारी अधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में सांवा और कोदो की खेती विंध्याचल और बुंदेलखंड में की जाएगी जबकि रागी की मिनी किट का वितरण पूरे प्रदेश में होगा. इसके अलावा रामदाना की खेती बाराबंकी, हरदोई और सीतापुर में होती है. शंकर ज्वार की मिनी किट का वितरण पूरे उत्तर प्रदेश में होगा जबकि संकर बाजरा कानपुर, आगरा, अलीगढ़ के मंडलों में प्रमुख रूप से इसका वितरण होगा.