फसल सर्वे में तेजी लाएं, कृषि स्कीमों को भी करें प्रमोट...DC ने अधिकारियों को दिया निर्देश

फसल सर्वे में तेजी लाएं, कृषि स्कीमों को भी करें प्रमोट...DC ने अधिकारियों को दिया निर्देश

मांड्या में एक बैठक में डॉ. कुमार ने कहा कि फसल सर्वेक्षण में लक्ष्य हासिल करने में विफल रहने वाले निजी निवासियों की जगह नए कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्नाटक रायथा सुरक्षा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, जिले में पिछले तीन वर्षों में फसल बीमा पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है.

फसल सर्वेक्षण में तेजी लाने का आदेशफसल सर्वेक्षण में तेजी लाने का आदेश
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 02, 2025,
  • Updated Jul 02, 2025, 1:46 PM IST

मांड्या के डिप्टी कमिश्नर कुमार ने मंगलवार को कृषि विभाग के अधिकारियों को फसल सर्वेक्षण में तेजी लाने और उनकी सटीकता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट मांड्या जिले में कृषि और बागवानी फसलों की सीमा का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है. यह प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की सहायता लेने के लिए आवश्यक फसल नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी महत्वपूर्ण है.

फसल सर्वेक्षण लक्ष्य पूरा करने में विफल

मांड्या में एक बैठक में डॉ. कुमार ने कहा कि फसल सर्वेक्षण में लक्ष्य हासिल करने में विफल रहने वाले निजी निवासियों की जगह नए कर्मियों को नियुक्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2024-25 के दौरान, जिले ने प्री-मॉनसून में 91.55%, मॉनसून में 96.34%, रबी में 97.68% और ग्रीष्मकालीन फसल सर्वेक्षण में 95.84% कवरेज हासिल किया.

फसल बीमा पंजीकरण में बढ़त

उन्होंने कहा कि कर्नाटक रायथा सुरक्षा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, जिले में पिछले तीन वर्षों में फसल बीमा पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसमें 2023-24 में विभिन्न बीमित आपदाओं के लिए 39.09 करोड़ रुपये का बीमा मुआवजा दिया गया है.

किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत

वर्ष 2025 तक बीमा के लिए 3,708 किसानों ने प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं. डॉ. कुमार ने अधिकारियों को इस योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रचार-प्रसार बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि फसल बीमा के बारे में जानकारी रैथा संजीवनी वाहनों, ऑटो रिक्शा, कचरा निपटान वाहनों, केएसआरटीसी बस स्टैंड (जिंगल्स के माध्यम से), दूध डेयरियों, समितियों, साप्ताहिक बाजारों और अन्य किसान समागम स्थलों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई जानी चाहिए.

खाद्य प्रसंस्करण यूनिट को बढ़ावा देने की जरूरत

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना के बारे में उन्होंने कहा कि जिले में 258 किसान-उद्यमियों को अब तक 65.45 करोड़ रुपये के ऋण और 21.7 करोड़ रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की गई है. “चालू वर्ष के लिए 250 इकाइयों का लक्ष्य रखा गया है. बागवानी, मत्स्य पालन और कृषि विभागों को संयुक्त बैठकें करनी चाहिए और उन क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव तैयार करने चाहिए जहां मांग अधिक है,” डॉ. कुमार ने कहा.

प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का सुझाव

जिला पंचायत की सीईओ के.आर. नंदिनी ने प्रस्ताव दिया कि खाद्य प्रसंस्करण पहल के तहत एनआरएलएम स्वयं सहायता समूह पारंपरिक तेल मिलों, मद्दुर वड़े (एक लोकप्रिय नाश्ता) और चिप्स उत्पादन जैसी इकाइयां शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "यदि प्रस्ताव तैयार किए जाते हैं, तो कुशल संसाधन व्यक्तियों द्वारा प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा सकती है." इस बीच, केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी 4 जुलाई को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस संबंध में, उपायुक्त ने अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की.

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