खेती की दुनिया भी अब तेजी से डिजिटल हो रही है. सरकार इसे लेकर कई तरह के प्रयास कर रही है. इन्हीं में से एक है फार्मर आईडी. अब सभी किसानों के लिए Farmer IDs बनवाना जरूरी होगा. भविष्य में किसानों को PM-Kisan, फसल बीमा और ऐसी ही अन्य सरकारी योजनाओं का फायदा तब ही मिलेगा जब उनके पास फार्मर आईडी होगी. Farmer ID के बिना किसान खेती संबंधी योजनाओं का लाभ लेने के योग्य नहीं माने जाएंगे. यही नहीं December 31, 2024 के बाद मिलने वाली पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त के लिए भी फार्मर आईडी होना जरूरी होगा.
ये तो हुआ सरकार का फैसला अब अगर किसानों की बात करें तो फार्मर आईडी से जुड़े कई सवाल किसानों के मन में चल रहे हैं कुछ के जवाब उन्हें मिल रहे हैं औऱ कुछ के शायद ना मिल पा रहे हों तो उन सब सवालों को जोड़कर उनके जवाब देने की कोशिश हम कर रहे हैं. जानिए फार्मर आई डी की पूरी कहानी और इससे जुड़े सवालों के जवाब.
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फार्मर आईडी क्या है
फार्मर आईडी को किसान पहचान पत्र भी कहा जाता है. ये एक डिजिटल आइडेंटिटी है जो किसान के आधार कार्ड को उसके लैंड रिकॉर्ड यानी जमीन के ब्यौरे से जोड़ती है. सरकार के डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का ये एक अहम हिस्सा है.
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फार्मर रजिस्ट्री क्या है
फार्मर रजिस्ट्री एक ऐसा सिस्टम है जिसमें किसानों और उनकी जमीन का ब्यौरा दर्ज किया जाता है. ये कृषि योजनाओं को और बेहतर बनाने के लिए की गई एक कोशिश है. आसान भाषा में ये भी कह सकते हैं कि किसानों की फार्मर आईडी का पूरा डाटाबेस फार्मर रजिस्ट्री है.
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आधार कार्ड भी तो ऐसी ही आईडी है फिर फार्मर आईडी की जरूरत क्या है
इस पर सरकार का जवाब है कि फार्मर आईडी किसानों को मिलने वाली योजनाओं के लाभ को सरल बनाएगी और उनका डाटा कलेक्शन भी आसान होगा. फार्मर आईडी बनने के बाद किसानों को बार-बार केवाईसी करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इससे योजनाओं में होने वाले भ्रष्टाचार से भी निजात मिलेगी.
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क्या सभी किसानों को बनवानी होगी फार्मर आईडी
इसका जवाब है-हां। अब सभी किसानों के लिए इसे बनवाना अनिवार्य होगा तभी उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.
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कैसे बनेगी फार्मर आईडी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसान लेखपाल, जन सेवा केंद्र औऱ मोबाइल ऐप के जरिए फार्मर आईडी बनवा सकते हैं. इसके अलावा अलग-अलग तरह से राज्य सरकारें जागरुकता कैंपेन भी चला रही हैं. पंचायत स्तर पर भी किसान फार्मर आईडी बनवाने के लिए मदद ले सकते हैं.
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इस कार्ड से क्या होगा
ये कार्ड किसानों की मॉनिटरिंग के लिए इस्तेमाल होगा. इससे सरकार को किसान की जमीन, उसके पशुधन और उसके द्वारा ली गई फसलों की जानकारी मिलेगी.
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किन राज्यों में लागू होगी फार्मर आईडी
अब तक 19 राज्य इस इनिशिएटिव में केंद्र सरकार के साथ जुड़ चुके हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में इस पर पायलट प्रोजेक्ट की तरह काम शुरू हो चुका है. इसके अलावा असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में इसे लेकर अभी फील्ड टेस्ट चल रहे हैं वहीं बाकी के स्टेट्स में ये प्रक्रिया लागू होने अलग अलग चरणों में हैं.
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फार्मर रजिस्ट्री के लिए किन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
आधार कार्ड
आधार कार्ड से लिंक्ड मोबाइल नंबर
खसरा-खतौनी की कॉपी
फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसान का खुद मौजूद होना भी जरूरी है
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फार्मर आईडी से क्या फायदा होगा
फार्मर रजिस्ट्री से किसानों को कई लाभ मिलेंगे. इसके बाद बार-बार ई-केवाईसी कराने की जरूरत नहीं होगी. बैंक से डिजिटल केसीसी के माध्यम से अधिकतम दो लाख रुपये का लोन बिना किसी दस्तावेज के मिल सकता है. सभी योजनाओं में सब्सिडी का लाभ पारदर्शी तरीके से मिल जाएगा. किसान को फसली ऋण और फसल बीमा का मुआवजा लेने में आसानी होगी.
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किस पोर्टल पर कर सकते हैं आवेदन
सभी राज्य सरकारें इसके लिए अलग-अलग पोर्टल ला रही हैं अगर उत्तर प्रदेश का उदाहरण लें तो यूपी के किसान upfr.agristack.gov.in पर जाकर फार्मर आईडी के लिए रजिस्टर कर सकते हैं.